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यशवन्त पाण्डेय, शिलकुड़ी 23 मार्च। प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन शनिवार को एनआईटी सिलचर में शुरू हुआ। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और भारतीय भू-तकनीकी सोसायटी सिलचर चैप्टर के सहयोग से और सिविल इंजीनियरिंग विभाग, एनआईटी सिलचर द्वारा आयोजित दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में प्राकृतिक आपदाओं के जोखिम विश्लेषण, प्रबंधन और शमन पर चर्चा की जाएगी।
सम्मेलन का उद्देश्य है नई चुनौतियों का समाधान करने के लिए अकादमिक, वैज्ञानिक और औद्योगिक समुदायों के विशेषज्ञों को एक साथ लाना और जोखिम और आपदा शमन में भविष्य की दिशाओं पर अपने नवीनतम शोध निष्कर्ष, विचार, विकास और दृष्टिकोण प्रस्तुत करना है।
मुख्य अतिथि के रूप में असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के इंजीनियर राजेश दत्ता, एनआईटी सिलचर के निदेशक प्रो. दिलीप कुमार वैद्य, इस सम्मेलन अध्यक्ष असीम कुमार दे, जादवपुर विश्वविद्यालय से डॉ. गोपीनाथ भंडारी, एनआईटी सिलचर के डीन, आर एंड सी प्रो. नलिन बिहारी दे, सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रमुख डॉ. अर्जुन सील, सम्मेलन के प्रबंध सचिव डॉ. अतनु साहू, प्रो. पार्थजीत रॉय, प्रो. एम.अली अहमद, प्रो. एके बरभुइया और अन्य उपस्थित अतिथिगण थे। इस दिन अतिथियों ने द्वीप प्रज्ज्वलन कर सम्मेलन का शुभारंभ किया।
सम्मेलन में मुख्य अतिथि असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण अभियंता राजेश दत्ता ने कहा, मैं इस एनआईटी का छात्र हूं, मैं बहुत भाग्यशाली हूं कि आपदा प्रबंधन पर आयोजित दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन कुछ समाधान लाने का प्रयास करेगा। हम उपस्थित विशेषज्ञों या प्रतिनिधियों के साथ चर्चा के माध्यम से एक समाधान निकालेंगे, जो दुनिया के सभी लोगों के लिए अच्छा होगा।
सम्मेलन में विशिष्ट अतिथि के रूप में एनआईटी सिलचर के निदेशक प्रोफेसर दिलीप कुमार वैद्य ने कहा, प्राकृतिक आपदाएं बहुत नुकसान पहुंचाती हैं, जिसमें संसाधनों का विनाश भी शामिल है, लेकिन जब इस आपदा में लोगों की जान चली जाती है, तो यह एक बड़ी क्षति होती है। धन तो वापस आ जाता है लेकिन जिंदगी वापस नहीं आती, इसलिए इस दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में हम इसका समाधान ढूंढने का प्रयास करेंगे, हम विश्व मंच पर कुछ न कुछ समाधान दे सकेंगे।
इस अवसर पर सम्मेलन के चेयरपर्शन असीम कुमार दे, एनआईटी सिलचर के डीन (आर एंड सी ) प्रो. नलीन बिहारी दे, सिविल इंजीनियरिंग के प्रमुख डॉ. अर्जुन सील, सम्मेलन के प्रबंध सचिव डॉ. अतनु साहू और अन्य ने अपने वक्तव्य में आपदा प्रबंधन पर अपना विचार प्रस्तुत किया।