चंडीगढ़. पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने एक मौजूदा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की सुरक्षा के लिए पंजाब पुलिस को तैनात नहीं करने का निर्देश दिया है. मुख्य न्यायाधीश शील नागू और न्यायमूर्ति अनिल क्षेत्रपाल की खंडपीठ ने न्यायाधीश की आवाजाही की सुरक्षा के लिए पंजाब पुलिस के बजाय तटस्थ पुलिस बल के अधिकारियों को तैनात करने का आदेश दिया है.
बता दें यह घटनाक्रम 22 सितंबर की घटना के प्रकाश में आया है, जहां एक व्यक्ति ने स्वर्ण मंदिर में न्यायाधीश के निजी सुरक्षा अधिकारी (पीएसओ) की बंदूक निकाल ली और न्यायाधीश को नुकसान पहुंचाने के संभावित इरादे से स्वर्ण मंदिर के प्रवेश द्वार की ओर भाग गया. उसकी प्रगति को पीएसओ ने विफल कर दिया और इसके बाद हाथापाई हुई और बदमाश ने खुद को सिर में गोली मार ली. पीठ ने निर्देश दिया, चंडीगढ़ के भीतर और बाहर विद्वान न्यायाधीश की सुरक्षा में तैनात कर्मियों को तुरंत पंजाब पुलिस से बदलकर यूटी प्रशासन या हरियाणा राज्य से संबंधित पुलिस कर्मियों में नियुक्त किया जाएगा.