सिलचर। गुरुचरण विश्वविद्यालय के बायोटेक्नोलॉजी विभाग की ओर से शनिवार को विश्वविद्यालय सभागार में “Role of Biotechnology in Modern Embryology” विषय पर एक अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय प्रशासन की उपस्थिति में हुई तथा देश-विदेश से आए विशिष्ट वैज्ञानिक व शिक्षाविदों ने इसमें भाग लिया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे इज़राइल मालडोनाडो रोसास, सीईओ— Center of Technological Innovation and Reproductive Medicine (CITMAR), Mexico। उनके साथ विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे—
- डॉ. सुकल्यान कुमार कुंडू, प्रोफेसर, फार्मेसी विभाग, जাহांगीरनगर विश्वविद्यालय, बांग्लादेश
- तुषार कांत पाल, माइक्रोबायोलॉजिस्ट, बांग्लादेश
- प्रो. सौरव कांति दास, माइक्रोबायोलॉजी विभाग, जाहांगीरनगर विश्वविद्यालय, बांग्लादेश
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. निरंजन राय, शैक्षणिक कुलसचिव डॉ. अभिजीत नाथ सहित विभिन्न विभागों के शिक्षक व बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएँ कार्यक्रम में शामिल हुए।
दीप प्रज्वलन के साथ हुई शुरुआत
कार्यक्रम का आरंभ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन से हुआ। इसके उपरांत प्रथम सेमेस्टर की छात्राएं शर्मिष्ठा सिन्हा एवं सुस्मिता देव ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत कर वातावरण को मंगलमय बना दिया। मुख्य अतिथि का परिचय पशु विज्ञान विभाग की सहायक प्रोफेसर स्वर्णाली भट्टाचार्य ने कराया, जबकि स्वागत भाषण शैक्षणिक कुलसचिव डॉ. अभिजीत नाथ ने दिया।
एम्ब्रायोलॉजी और प्रजनन बायोटेक्नोलॉजी पर विस्तृत व्याख्यान
मुख्य वक्ता इज़राइल मालडोनाडो रोसास ने अपने पावरपॉइंट प्रेज़ेंटेशन के माध्यम से एम्ब्रायोलॉजी एवं प्रजनन बायोटेक्नोलॉजी के क्षेत्र में बढ़ते करियर अवसरों पर चर्चा की।
उन्होंने कहा कि यह आधुनिक जीवविज्ञान की सबसे तेज प्रगति करने वाली शाखाओं में से एक है, जो मानव बांझपन उपचार, IVF तकनीक, पशु प्रजनन एवं जेनेटिक रिसर्च में क्रांतिकारी योगदान दे रही है। उन्होंने IVF, ICSI, गैमेट हैंडलिंग और एम्ब्रियो-फ्रीजिंग तकनीकों की नवीनतम उपलब्धियों पर प्रकाश डाला और बताया कि कुशल एम्ब्रायोलॉजिस्टों की वैश्विक मांग लगातार बढ़ रही है।
“शोध और नवाचार ही बनाते हैं किसी विश्वविद्यालय को महान”
अपने संबोधन में कुलपति प्रो. निरंजन राय ने कहा कि विश्वविद्यालय की पहचान उसकी इमारतों से नहीं, बल्कि शिक्षा, शोध और नवाचार से होती है। उन्होंने छात्रों से रिसर्च-ओरिएंटेड एजुकेशन अपनाने और शैक्षणिक उत्कृष्टता बढ़ाने का आह्वान किया।
धन्यवाद व राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन
कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन असिस्टेंट प्रोफेसर नाजराना बेगम सुल्ताना ने किया। राष्ट्रगान के साथ संगोष्ठी सम्पन्न हुई।
पूरा कार्यक्रम दीपराज चक्रवर्ती ने संचालित किया। मौके पर कन्वेनर प्रो. प्रसेंजीत राय, बायोटेक्नोलॉजी विभागाध्यक्ष सागरिका मोहंता, सहायक प्रोफेसर सौमित्र नाथ एवं अतिथि शिक्षिका अपराजिता दास भी उपस्थित रहीं।





















