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असम सरकार के अनुरोध पर आज कालाइन चाय बागान में राभा दिवस मनाया गया। इस अवसर पर कालाइन फैक्ट्री गेट पर म्यूजिक सिस्टम पर राभा संगीत बजाया गया। उपस्थित लोगों में कालाइन चाय बागान के वरिष्ठ प्रबंधक एस के तपाड़िया, सहायक प्रबंधक गण, कर्मचारी और श्रमिक वर्ग शामिल थे।
उल्लेखनीय है कि असम के सुप्रसिद्ध कलागुरु बिष्णु प्रसाद राभा के सम्मान में असम में प्रतिवर्ष राभा दिवस मनाया जाता है। राज्य के कल्याण में उनके योगदान को लगातार याद किया जाता है, यही वजह है कि हर साल 20 जून को राभा दिवस मनाया जाता है। विष्णु प्रसाद राभा के उत्कृष्ट योगदान का राज्य की संस्कृति और साहित्य पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है।
असमिया संगीत के अग्रदूतों में से एक के रूप में, बिष्णु प्रसाद राभा ने बड़ी लोकप्रियता हासिल की। असमिया समुदाय के भीतर, उन्हें कलागुरु के रूप में जाना जाता है। उनकी प्रतिभा संगीत तक ही सीमित नहीं थी, उन्होंने असमिया साहित्य में भी शानदार योगदान दिया। उन्होंने अपने बहु-प्रतिभा-शाली स्वभाव के कारण एक नाटककार, कवि, नर्तक और अभिनेता के रूप में पहचान हासिल की थी।
असम की संस्कृति और साहित्य से परे, उन्होंने राज्य के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने ब्रिटिश शासन की अवहेलना की और वेतन दासता और पूंजीवाद के मुखर विरोधी थे। वह मुक्ति और स्वतंत्रता संग्राम में एक उत्साही भागीदार थे।
उनका जीवन और ऊर्जा स्वतंत्रता के लिए समर्पित था। उनके लक्ष्य हमेशा अभाव, गरीबी और भ्रष्टाचार से सामाजिक स्वतंत्रता पर केंद्रित थे।