राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान करें- पार्वती कोइरी
राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान करें
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आज़ादी का है अमृत महोत्सव
आओ मिल कर गुणगान करे
तिरंगा है गौरव देश का
इस ध्वज का सम्मान करें
इसी तिरंगे ने हमारे
मातृभूमि...
हर घर में तिरंगा फहराये- डॉक्टर श्रीधर द्विवेदी
हर घर में तिरंगा फहराये
किसने हुंकार भरी थी यह ,
'मैं अपनी झाँसी नहीं दूँगी ',
किसने ललकारा गोरों को ,
'है स्वतंत्रता जन्माधिकार 'I
'अंग्रेजों अब भारत...
देश प्रेरक गाथा
अनोखा है भारत देश हमारा,
है सच्चे इंसानों का ढेर यहां,
भरे पड़े हैं देश समस्त,
खेत खलिहानों से जगमगाया सारा,
है जगह-जगह पहाड़ यहां,
मैदान यहां।
पठारो और रेगिस्तान...
अपनी अलग पहचान
क्या कहे इस जिंदगी को हम,
राह देख अवसर बदल देती,
हाल देख मौसम बदल जाते,
मिजाज देख परिस्थितियां बदल जाती,
लेकिन ,
लेकिन है कुछ-कुछ खिलाड़ी हम भी,
रखते...
मन का हर्ष
मन का हर्ष
आज
मन में एक हर्ष है,
हर्ष से मन उत्फुल्लित है,
हर्ष ही कारण,
स्वाभिमान है हर्ष,
आभार हर्ष के नाम,
दिन भी है हर्ष,
वामसी है हर्ष की...
ना शिकवा ना शिकायत
क्या है आज ये सब कुछ,
कुछ नया है कुछ बदला सा,
कुबूल है दिया हर तोहफा तेरा,
तू दे दे मुझे...
सिलचर (असम) की वर्तमान परिस्थिति बाढ़ पर ।
बाढ़__
छाया अब तो खौफ बाढ़ का, चारों ओर ।
चिंता में अब रात बीतती , डर में भोर ।।
डूब गए हैं गांव न जाने, कितनी ...
आज की रात
आज कुछ ऐसी रात अनोखी,
ना दिल लागे, ना मन लागे,
समय की मांग हो गई हुई छोटी,
काटे नहीं कटता यह पल मानो।
बिताते...
*देहरी, आंगन, धूप नदारद।* *ताल, तलैया, कूप नदारद।* *घूँघट वाला रूप नदारद।* ...
*देहरी, आंगन, धूप नदारद।*
*ताल, तलैया, कूप नदारद।*
*घूँघट वाला रूप नदारद।*
*डलिया,चलनी,सूप नदारद।*
आया दौर फ्लैट कल्चर का,
देहरी, आंगन, धूप नदारद।
हर छत पर पानी की टंकी,
ताल, तलैया,...