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शिवकुमार शिलचर 7 नवंबर: बराक वैली के काछाड़, करीमगंज और हैलाकांदी जिलों सहित पूरे देश में छठ महापर्व को हर्षोल्लास और भक्ति भाव के साथ मनाया गया। यह पर्व इस बार विशेष महत्व और भव्यता के साथ संपन्न हुआ, जिसमें शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों तक भारी संख्या में लोगों ने भाग लिया। श्रद्धालुओं ने विशेष रूप से घाटों पर एकत्र होकर सूर्य देव और छठी मैया की पूजा की और उन्हें धन्यवाद दिया। 5 नवंबर को नहाई-खाई के साथ इस पर्व की शुरुआत हुई, जिसमें व्रतधारियों ने स्नान कर सात्विक भोजन ग्रहण किया, जो इस पर्व की परंपराओं का पहला कदम है। इसके बाद, पर्व के दूसरे दिन ‘खरना’ हुआ, जिसमें व्रतियों ने निर्जला उपवास के साथ सूर्यास्त के बाद विशेष प्रसाद तैयार कर इसे ग्रहण किया और अन्य भक्तों में इसे बांटा। पर्व के तीसरे दिन घाटों पर भव्यता से सजावट की गई, जहां श्रद्धालुओं ने पारंपरिक पोशाक में सजकर और दीप जलाकर डूबते सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया। अंतिम दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का समापन हुआ, जिससे घाटों पर भक्तों की भक्ति और आस्था की अद्भुत छटा बिखरी।
इस बार छठ पर्व में देशभर के श्रद्धालुओं में एक उदासी की लहर भी देखने को मिली, क्योंकि छठ महापर्व के गीतों को अपनी मधुर आवाज़ से अमर करने वाली सुप्रसिद्ध लोकगायिका शारदा सिन्हा के निधन ने हर किसी को शोकाकुल कर दिया। उनके निधन की खबर से बराक वैली के भक्तों में मायूसी छा गई, क्योंकि शारदा सिन्हा के गीत वर्षों से इस पर्व का अभिन्न हिस्सा रहे हैं। उनके गीतों ने छठ महापर्व को एक विशेष सांस्कृतिक पहचान दी है। श्रद्धालुओं ने इस बार उनके गीतों को सुनते हुए उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की, और उनके जाने से छोड़ी गई इस रिक्तता को महसूस किया।
रतनपुर चाय बागान में रेजिडेंट डायरेक्टर कमलेश सिंह ने सपरिवार छठ पूजा की और शाम का अर्घ्य दिया। साथ में उनकी धर्मपत्नी श्रीमती कमला सिंह सहित बेटों, बहूओं और बागान के अन्य अधिकारियों ने भी छठ महापर्व का पालन किया। कल सुबह का अर्घ्य देने के बाद छठ महापर्व का समापन होगा।
इस अवसर पर राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) शिलचर के छात्रों ने भी पूरे भक्ति भाव से इस पर्व में हिस्सा लिया। एनआईटी के परिसर में ही विशेष पूजा स्थल बनाकर छात्रों ने छठ पर्व की सभी रस्मों को निभाया। छात्रों ने श्रद्धा के साथ डूबते और उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया, जिससे पूरे परिसर में आस्था और भक्ति का माहौल छा गया। एनआईटी शिलचर के छात्रों का इस महापर्व में सम्मिलित होना बराक वैली में छठ पर्व की बढ़ती लोकप्रियता और महत्व को दर्शाता है।
इसके अलावा, शहर के प्रमुख घाटों के साथ ही गांवों में तालाबों और नदियों के किनारे भी श्रद्धालुओं की भीड़ देखी गई। पारंपरिक गीतों के साथ लोग व्रत की सभी विधियों का पालन करते हुए उत्साह से सराबोर दिखे। कई जगहों पर स्थानीय पूजा समितियों और संगठनों ने भक्तों की सुविधा के लिए विशेष व्यवस्था की, जिनमें पंडाल, लाइटिंग और सुरक्षा के इंतजाम शामिल थे। इस महापर्व ने बराक वैली में एकता, आस्था और सांस्कृतिक धरोहर के रूप में अपनी छवि को और मजबूत किया।