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शिलचर में युवा संगठन एड्यो का ५८ वां स्थापना दिवस मनाया गया

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२० जून शिलचर: क्रांतिकारी युवा संगठन एड्यो के ५८ वें स्थापना दिवस के अवसर पर शिलचर के पेंशनर्स भवन में आज बराक घाटी स्थित युवा रैली का आयोजन किया गया। संगठन की असम राज्य समिति के उपाध्यक्षों में से एक मयूख भट्टाचार्य ने संगठन की अखिल भारतीय समिति के संपादकीय बोर्ड के सदस्य बिजीत कुमार सिन्हा के नेतृत्व में युवा रैली में सबसे पहले बात की। उन्होंने कहा कि वर्तमान में देश में बेरोजगारी की गंभीर समस्या है। हजारों उद्योग बंद हो गए हैं और युवा बेरोजगार हो गए हैं केंद्र और राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में लाखों पद खाली हैं कुछ भर्तियां अस्थायी अनुबंध के आधार पर भी हैं देश की वर्तमान जनसंख्या की तुलना में सरकारी विभागों में नए पद सृजित नहीं हो रहे हैं, जिसके कारण रोजगार नहीं मिल रहा है उनका यह भी कहना है कि श्रमिक धन का सृजन तो करते हैं लेकिन उसका उचित मूल्य नहीं पाते हैं, जबकि मालिक सारा मुनाफा हड़प लेते हैं। सरकारी एजेंसियों और विभिन्न विभागों के निजीकरण से रोजगार के अवसर सिकुड़ रहे हैं पूंजीपतियों के हित में सार्वजनिक संस्थानों को नष्ट किया जा रहा है। जागीरोड पेपर मिल, पंचग्राम पेपर मिल को हमेशा के लिए बंद कर दिया गया है. परिणामस्वरूप लाखों लोग प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से बेरोजगार हो गए हैं ऐसे में युवाओं के रोजगार सहित विभिन्न मांगों को लेकर स्वतंत्रता आंदोलन के महानतम मार्क्सवादी विचारकों, दार्शनिकों और क्रांतिकारियों में से एक शिवदास घोष ने एक सघन युवा आंदोलन खड़ा करने का आह्वान किया.
    रैली में मुख्य वक्ता एसयूसीआई (कम्युनिस्ट) पार्टी के काछार जिला सचिव और पार्टी की राज्य कमेटी के सदस्यों में से एक भवतोष चक्रवर्ती ने कहा कि महान सर्वहारा नेता शिवदास घोष की जन्मशती के अवसर पर पूरे प्रदेश में व्यापक अभ्यास किया जा रहा है. उनके विचारों पर देश एक उचित युवा आंदोलन के निर्माण के लिए शिवदास घोष के विचार का पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश को आजादी के  ७५ साल भले ही पूरे हो गए हों, लेकिन सरकार लोगों की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने में विफल रही है खासकर बराक घाटी की लचर चिकित्सा सेवाओं और संचार व्यवस्था को दिखाते हुए उन्होंने कहा कि बराक घाटी में गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए बुनियादी ढांचा नहीं है, इसलिए मरीजों को बाहर ले जाना पड़ता है. जो महंगा और जोखिम भरा है। खतरनाक पहाड़ी रास्तों से बीमार मरीजों को ले जाते समय कई लोगों की सड़क पर ही मौत हो गई। उन्होंने कहा कि हमारे प्रदेश के प्रमुख उद्योगों में से एक चाय उद्योग भी आज छटनी के दौर से गुजर रहा है। ब्रह्मपुत्र घाटी और बराक घाटी में श्रमिकों के वेतन में भी अंतर है चाय बागानों में स्थायी मजदूरों की जगह ठेका मजदूरों से काम कराया जा रहा है, जिससे मजदूरों को उचित पारिश्रमिक नहीं मिल रहा है. बिजली विभाग उपभोक्ताओं के घरों में स्मार्ट मीटर और प्रीपेड मीटर जोड़कर बिजली क्षेत्र के निजीकरण की ओर जोर दे रहा है। इसके चलते हजारों मीटर रीडर व अन्य अस्थायी कर्मचारियों की छंटनी की जा रही है। बेरोजगार युवा इस दयनीय स्थिति में तरह-तरह के कुकर्मों में लिप्त रहेंगे शराब, जुआ, तीर, अश्लीलता ने युवाओं को भटका दिया है नतीजतन, महिलाओं पर अत्याचार, बलात्कार और हत्या धीरे-धीरे बढ़ रही है
     इस घोर संकट के विरुद्ध उन्होंने क्रान्तिकारी युवा संगठन ऐड्यो का आव्हान किया कि वे उन्नत नैतिकता और मूल्यों के आधार पर शिवदास घोष की शिक्षाओं का पालन करते हुए एक सशक्त युवा आन्दोलन संगठित करने के लिए क्रान्तिकारी युवा संगठन को मज़बूत करें। सुजीत अकुर्दा ने इस सभा के उद्देश्य को समझाते हुए भाषण दिया।

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