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शिलचर, 25 अक्टूबर: देश के अन्य हिस्सों के साथ शिलचर में भी दशहरा का पर्व बड़े धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर हिंदीभाषी युवा मंच, शिलचर द्वारा ‘बुराई पर अच्छाई की जीत’ के प्रतीक रूप में ‘रावण दहन’ किया। रावण के साथ कुंभकर्ण और मेघनाद का भी पुतला जलाया गया। राम – रावण युद्ध का मंचन भी हुआ। बड़ी संख्या लोगों ने इस मंचन को देखा और भगवान राम, सीता मैया, लखन लाल और पवन पुत्र हनुमान का नाम गुंजायमान हुआ।
उल्लेखनीय है कि रावण के पुतले के साथ प्रतिवर्ष देश और समाज में व्याप्त बुराइयों को जलाते हैं और उससे होने वाले प्रकाश के रूप में जीवन में अच्छाई को उतारते हैं । शिलचर के घुंघूर इलाके में शहीद मंगल पांडेय चौक के निकट रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद पुतला दहन कार्यक्रम संपन्न हुआ।
इस अवसर पर अग्रता कुमार, रिया, विशाल व संजीव नुनिया भगवान राम, माता सीता, लक्षण और हनुमान जी बनकर जब प्रस्तुत हुए तो लोगों ने जय श्री राम के जयकारे लगाए। बड़ी संख्या में स्थानीय लोग जुटे और उनका दर्शन किया। अग्रता कुमार (बाल रूप राम) और राजश्री पाल (किशोर राम) विशाल (लक्ष्मण), रिया नूनिया (सीता) व संजीव नुनिया (हनुमान) का रोल किया। जबकि रावण के रोल शचि दुबे ने किया। राजर्षि पाल ने दुर्गा जी के ऊपर नृत्य करके सबको मंत्रमुग्ध कर दिया।
सर्वप्रथम वरिष्ठ पत्रकार व सामाजिक कार्यकर्ता दिलीप कुमार ने उपस्थित अतिथियों से भगवान का पूजन करके कार्यक्रम के शुभारंभ का अनुरोध किया। तत्पश्चात उपस्थित अतिथि पंडित आनंद शास्त्री और कमलेश सिंह, फूलमती कलवार, डॉ• बैकुंठ ग्वाला सहित वरिष्ठ कार्यकर्ताओं ने राम परिवार की पूजा अर्चना की। कार्यक्रम के मुख्य संयोजक शिवशंकर नुनिया, कोषाध्यक्ष राजू नुनिया व कल्याण हजाम आदि ने कार्यक्रम की व्यवस्था से लेकर अतिथियों के स्वागत तक में सक्रिय भूमिका निभाई। उत्तरीय से उपस्थित अतिथियों का स्वागत किया गया।
इस अवसर पर डॉ अमित कलवार, रामनारायण नुनिया, सुभाष चौहान, विजय नुनिया, सुतपा चक्रवर्ती, सीमा कुमार, डॉ मंजरी कलवार, पृथ्वीराज ग्वाला, प्रदीप कुर्मी, जय प्रकाश गुप्ता, रामनाथ नुनिया, विप्लव पटवा, अजय नुनिया व पत्रकार योगेश दुबे आदि मौजूद थे।
अपने वक्तव्य में पंडित आनंद शास्त्री ने कहा कि भगवान राम के आदर्शो पर चलने से ही सभी समस्याओं का निजात है। सामाजिक बुराइयों को मिटाना है और अच्छाइयों को स्थापित करना है।
कमलेश सिंह ने कहा कि हम पुनः अपनी रीति रिवाज अपना रहे और भाषा का उपयोग कर रहे यह शुभ संकेत है। रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद दहन के बारे में बताया। रावण के दसों (10) मुंड पर छुआ – छूत, जात – पात, घुसपैठ, लालच, काम – क्रोध, आतंकवाद, व्यभिचार, पक्षपात, अहंकार और भ्रष्टाचार से मुक्ति का संदेश दिया गया। विदित हो कि सभी पुतले मैना लाल गौड़ ने बनाया। राम रावण युद्ध मंचन में तकनीकी सहयोग अभिनंदिता कुमार, अदिति कुमार ने किया।