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प्रेरणा ब्यूरो शिलचर, 10 अगस्त: 25 नवंबर की शाम को शिलचर शहर के लिंक रोड ( गली नंबर सात ) के किराए के घर में रहस्यमय तरीके से अंकुर की मौत हुई थी। 8 महीने से ऊपर हो गए पुलिस की जांच कछुआ गति से चल रही है। अंकुर दुबे की बहन सांची दुबे ने बताया कि शिलचर पुलिस के डीआईजी ने उन्हें 16 मई तक चार्जशीट जमा करने का समय दिया था। जब जांच अधिकारी ने चार्जशीट नहीं जमा किया तो उन्होंने अदालत की शरण लिया। अदालत ने उन्हें 26 जुलाई के भीतर प्रोग्रेस रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया था। लेकिन उन्होंने फिर बहाना बना दिया।
साची दुबे ने बताया कि भाई के संदिग्ध मृत्यु में कई ऐसे तथ्य है जो इस बात का संकेत करते हैं कि बहुत कुछ गड़बड़ है। पुलिस को चार्जशीट जमा करने से कौन रोक रहा है, मई में ही उनकी जांच पूरी हो गई थी और उन्होंने कहा था कि जल्दी ही जमा कर देंगे। फिर क्या कारण है कि जून भी बीत गया, जुलाई भी बीत गया, 9 अगस्त को जमा करने की बात थी, प्रोग्रेस रिपोर्ट जमा नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि यदि पुलिस निचली अदालत के निर्देश पर अभी भी बहानेबाजी करेगी तो वे लोग उच्च न्यायालय की ओर रुख करेंगे। उनका कहना है कि आम जनता पुलिस पर भरोसा करती है, उसे कभी सिंघम, कभी सूर्यवंशी और कभी चुलबुल पांडे के रूप में देखती है लेकिन शिलचर पुलिस ने हम लोगों का भरोसा तोड़ दिया।
8 महीने से दर-दर की खाक छानने के बाद भी पुलिस के ऊपर कोई असर नहीं पड़ रहा है। प्रशासनिक अधिकारियों से लेकर, जनप्रतिनिधियों तक चक्कर लगाकर कोई काम नहीं हुआ अब अदालत का सहारा ही बचा है। जब तक हम लोग अदालत से न्याय नहीं पा लेते हैं अंकुर की आत्मा को शांति नहीं मिलेगी। मेरे माता-पिता और परिवार के लोग एकमात्र बेटे के इस आकस्मिक और दुखद मृत्यु से अभी तक सदमे में है।
ज्ञातव्य हो कि अंकुर के पिता त्रिलोकी नाथ दुबे पेशे से चिकित्सक है। काछार जिले के दिवान चाय बागान में चिकित्सक है। पुत्र अंकुर एमआर की नौकरी करते थे। लगभग एक वर्ष पहले उसने शिलचर की अरुणिमा चक्रवर्ती से प्रेम विवाह किया तथा शिलचर शहर के लिंक रोड ( गली नंबर सात ) में पत्नी के साथ रहता था। 25 नवंबर की शाम को रहस्यमय तरीके से अंकुर की मौत हुई थी। परिवार वालों को हत्या होने की आशंका है।