गुवाहाटी, 19 जनवरी (हि.स.)। राज्य की सत्ताधारी पार्टी भाजपा को मात देने के लिए कभी राज्य में लगातार 15 वर्षों तक सत्ता की बागडोर थामने वाली कांग्रेस पार्टी ने अब अपने धुर विरोधी पार्टी ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के साथ गठबंधन करने को लेकर अपनी रजामंदी दे दी है। मंगलवार को राजधानी के एक टोल में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रिपुन बोरा ने जानकारी दी।
रिपुन बोरा ने कहा कि सत्ता से भाजपा को दूर करने के लिए कांग्रेस अन्य पार्टियों के साथ गठबंधन करेगी। उन्होंने कहा कि गठबंधन में आंचलिक गण मोर्चा, सीपीआई, सीपीआई (एम), सीपीआई (एमएल) के बीच हुई महत्वपूर्ण बैठक के बाद इस आशय की घोषणा की। बैठक के बाद आयोजित संवाददाता सम्मेलन में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, संयोजक जितेंद्र सिंह भी मौजूद थे।
संवाददाता सम्मेलन में एआईयूडीएफ के महासचिव अमिनुर इस्लाम, विधायक रसीद हक चौधरी, आंचलिक गण मोर्चा के नेता अजित भुइंया, मंजीत महंत, सीपीआई, सीपीआई (एम), सीपीआई (एमएल) के नेता भी मौजूद थे।
इस मौके पर रिपुन बोरा ने कहा कि समग्र महागठबंधन का एक चुनावी घोषणा पत्र होगा। कांग्रेस ने असम की जनता से बातचीत कर यह निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि विधानसभा के निर्धारण को लेकर बातचीत चल रही है। उन्होंने महागठबंधन में उपरोक्त सभी दल शामिल होंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि अगर गठबंधन में कोई शामिल होना चाहता है तो उसके लिए दरवाजे खुले हैं। हम उनका स्वागत करेंगे। उन्होंने कहा कि सांप्रदायिक शक्ति को रोकने के लिए महागठबंधन बना है।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस ने इन पार्टियों के साथ महागठबंधन तो बना लिया है, लेकिन सीटों के बंटवारे को लेकर कांग्रेस को आने वाले दिनों में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। यही कारण है कि कांग्रेस से पहले ही काफी संख्या में बड़े नेता पार्टी को छोड़ चुके हैं।
हिन्दुस्थान समाचार/ अरविंद