शिलचर, 27 जुलाई:शारीरिक सशक्तिकरण और आत्मरक्षा की दिशा में युवाओं को प्रेरित करने के लिए शिलचर में एक भव्य ताइक्वांडो पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में वक्ताओं ने खिलाड़ियों से राज्य, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन कर अपने माता-पिता एवं क्षेत्र का नाम रोशन करने का आह्वान किया।
आज के समय में आत्मरक्षा का प्रशिक्षण केवल आवश्यकता ही नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता का प्रतीक भी बन गया है। कराटे, कुंग-फू और मार्शल आर्ट्स की तरह ताइक्वांडो भी देश-विदेश में तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। असम राज्य और बराक घाटी इस क्षेत्र में पीछे नहीं हैं – विशेषकर शिलचर ने हाल के वर्षों में ताइक्वांडो के क्षेत्र में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है।
हाल ही में शिलचर के एक प्रतिष्ठित भवन में आमंत्रण-आधारित ताइक्वांडो प्रतियोगिता आयोजित हुई, जिसमें बराक घाटी के विभिन्न क्षेत्रों के साथ-साथ कामरूप (मेट्रो) से भी प्रतिभागियों ने भाग लिया। कई क्लबों ने इस प्रतियोगिता में हिस्सा लिया, जिनमें विशेष रूप से “720 ताइक्वांडो अकादमी”, चेंकुरी रोड, शिलचर के खिलाड़ियों का प्रदर्शन अत्यंत सराहनीय रहा।
अकादमी की इस सफलता के उपलक्ष्य में एक भव्य समावर्तन समारोह का आयोजन किया गया। मुख्य प्रशिक्षक एवं महासचिव दीपक दास, अध्यक्ष अंकुर पाल, प्रशिक्षक विश्व प्रतिम भट्टाचार्य, संगठन सचिव रूपक दास, शुभ्रजीत आचार्य, अभय नाथ, विशाल दास, दीपायन दास, सिद्धेश्वरी सिन्हा और दीपशिखा दास समेत अन्य पदाधिकारी इस उपलब्धि से गदगद थे।
कार्यक्रम में नवोदय क्लब के पदाधिकारियों ने भी सक्रिय भूमिका निभाई। समाजसेवी मিঠुन दास, शुभ्रज्योति नाथ, पिनाक दत्ता, प्रदीप देवनाथ समेत अनेक विशिष्ट जनों ने पुरस्कार प्राप्त खिलाड़ियों को प्रोत्साहित किया। वरिष्ठ पत्रकार श्री रानु दत्त भी इस अवसर पर उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के प्रारंभ में अकादमी के मुख्य सलाहकार एवं पूर्व राष्ट्रीय कुंग-फू चैंपियन मणि भूषण चौधरी ने अपने प्रेरक वक्तव्य में कहा कि खिलाड़ी केवल आत्मरक्षा के उद्देश्य से इन कलाओं को अपनाएं, न कि आक्रमण के लिए। उन्होंने खिलाड़ियों से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सफलता प्राप्त कर अपने माता-पिता और समाज का गौरव बढ़ाने का आह्वान किया।
कार्यक्रम में ताइक्वांडो संघ के कछार जिला महासचिव एवं असम राज्य समिति के कार्यकारी सदस्य सौमित्र चक्रवर्ती ने कहा कि ताइक्वांडो आज पूरे असम में तेज़ी से लोकप्रिय हो रहा है। उन्होंने पढ़ाई के साथ-साथ खेलों को भी जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा बताते हुए कहा कि जब छात्र ताइक्वांडो में सफलता प्राप्त करते हैं, तो उनकी खुशी और आत्मविश्वास दोगुना हो जाता है।
इस अवसर पर बड़ी संख्या में प्रशिक्षु खिलाड़ियों की उपस्थिति ने आयोजन को खास बना दिया। खासकर कई अभिभावकों ने अपने विचार साझा करते हुए कहा कि आज के दौर में आत्मरक्षा के गुर सीखना बच्चों के लिए अत्यंत आवश्यक है।
इस कार्यक्रम की जानकारी चेंकुरी ताइक्वांडो अकादमी के संगठन सचिव रूपक दास ने दी।





















