भगवान महावीर ने अपनी अमृतवाणी में फरमाया हैं कि “जे गिल्लाणं पडीहरई से मम पडीहरई” यानि जो व्यक्ति दीन दुखियों की सेवा करता हैं वो मेरी सेवा करता हैं। परम पूज्य आचार्य प्रवर 1008 श्री रामलालजी म.सा भी अपने क्रांतिकारी प्रवचनों में स्वधर्मी सहयोग एवं मानव सेवा का आदर्श उपस्थित कर चुके हैं। वर्तमान समय में हमारे ऐसे अनेक भाई-बहन हैं जो मानसिक, शारीरिक एवं आर्थिक रूप से अक्षम हैं। जिन्हें समय पर आवश्यक वस्तुएं प्राप्त होना भी दूभर हैं। आइए ! हम सभी मिलकर कम से कम एक समय के लिए भोजन की व्यवस्था कर अन्न दान का सौभाग्य प्राप्त करे।
श्री अखिल भारतवर्षीय साधुमार्गी जैन समता युवा संघ के आव्हान पर 24 जनवरी 2021 को सम्पूर्ण देश भर में अन्न दानं कार्यक्रम आयोजित किया गया, इसी कड़ी में श्री संघ, महिला मंडल व युवा संघ शिलचर द्वारा भी उक्त दिवस को रोजकांदी में लगभग 750 व्यक्तियों को भोजन करवाया गया।
रोजकांदी बगान के प्रबंधक ईश्वर भाई उबाडिया व उनके सहयोगियों व ग्राम पंचायत अध्यक्ष व उनके सहयोगियों का कार्यक्रम को सफल बनाने में उत्तम सहयोग रहा।
*खुद जिये सबको जीना सिखाये,*
*अपनी खुशियां चलो बांट आये*