अजिंक्य रहाणे को पसंद आती है आलोचना
नई दिल्ली (एजें) १७ जून : भारतीय क्रिकेट टीम अब तक के सबसे कडे.इम्तिहान वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के लिए इंग्लैंड में है। इसी शुक्रवार को टीम न्यूजीलैंड के खिलाफ साउथैम्पटन में का माने जा रहे चैंपियनशिप फाइनल में खेलने उतरेगी। इस मैच में भारतीय टीम से पहले भारतीय टीम के एक खिलाड़ी की काफी ज्यादा बात हो रही है। विदेशी धरती पर बेहतरीन रिकॉर्ड रखने वाले टीम के उप कप्तान अजिंक्य रहाणे जिनपर काफी कुछ निर्भर करेगा।
रहाणे को थोड़ी बहुत आलोचनाओं से कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन वह कभी भी इस बात से ज्यादा परेशान नहीं हुए कि लोग उनके खेल के बारे में क्या सोचते हैं और वह टीम को जीत दिलाने के काम पर लगे रहे। पिछले कुछ वर्षो में उनकी फार्म में उतार-चढ़ाव बना रहा और इसके बावजूद वह डब्ल्यूटीसी चक्र के दो वर्षो में 17 मैचों में 1095 रन बनाकर टीम के शीर्ष स्कोरर रहे और टीम न्यूजीलैंड के खिलाफ डब्ल्यूटीसी फाइनल में जगह बनाने में सफल रही।
रहाणे ने कहा, ‘यह काफी विशेष महसूस होता है।’ यह पूछने पर कि जब वह रन नहीं बना पाते तो अपनी आलोचनाओं के बारे में क्या सोचते हैं? इस पर उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि मैं आलोचनाओं के कारण ही यहां तक पहुंचा हूं। मैं हमेशा अपना सर्वश्रेष्ठ देना चाहता था, भले ही लोग मेरी आलोचनाएं करते रहें।’
आस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज में ऐतिहासिक जीत के दौरान कप्तानी की जिम्मेदारी संभालने वाले रहाणे ने कहा, ‘मेरे लिए देश के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ देना महत्वपूर्ण है और बल्लेबाज या क्षेत्ररक्षक के तौर पर हर बार मैं योगदान करना चाहता हूं। मैं आलोचनाओं के बारे में वास्तव में ज्यादा नहीं सोचता हूं। अगर लोग मेरी आलोचना करेंगे तो यह उनका सोचना है और यह उनका काम है। मैं इन सभी चीजों पर काबू नहीं कर सकता।
मैं हमेशा उन चीजों पर ध्यान देता हूं, जिन पर मेरा नियंत्रण हैं और अपना सर्वश्रेष्ठ करता हूं, कड़ी मेहनत करता हूं और इसके बाद नतीजा निकलता है। ‘रहाणे ने कहा कि अगर वह 40 रन भी बनाते हैं तो यह टीम के लिए उपयोगी होने चाहिए, तभी उन्हें खुशी मिलेगी। उन्होंने कहा, ‘मैं अपना स्वाभाविक खेल ही खेलूंगा। जीतना सबसे अहम है, भले ही मैं शतक बनाऊं या नहीं।