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राष्ट्रीय साहित्यिक संस्था ‘शब्दाक्षर’ ने हरिद्वार में “शब्दाक्षर हरिद्वार साहित्योत्सव – 2023” का भव्य आयोजन करके एक अविस्मरणीय इतिहास रच डाला है। शब्दाक्षर की राष्ट्रीय प्रवक्ता-सह-प्रसारण प्रभारी डॉ. कुमारी रश्मि प्रियदर्शनी ने शब्दाक्षर साहित्योत्सव को अद्भुत ठहराते हुए कहा कि 25 राज्यों में और देश के 164 जिलों में साहित्यरत संस्था से जाने-माने साहित्यकारों का शब्दाक्षर के मंच पर एक साथ एकत्रित होना तथा तीन दिवस तक एकजुटता और समरसता के साथ एक स्थान पर रहकर हिन्दी भाषा के प्रति अपनी निष्ठा और समर्पण की भावनाओं का उदाहरण प्रस्तुत करना स्वयं में अद्भुत है। शब्दाक्षर हरिद्वार साहित्योत्सव में साहित्यकारों ने विभिन्न विधाओं में एक से बढ़कर एक स्तरीय रचनाएँ पढ़ीं। राष्ट्रीय प्रवक्ता के अनुसार, साहित्योत्सव के भव्य आयोजन का श्रेय सर्वप्रथम संस्था के दिग्दर्शक शब्दाक्षर के राष्ट्रीय अध्यक्ष रवि प्रताप सिंह को जाता है। शब्दाक्षर उत्तराखंड प्रदेश अध्यक्ष व आयोजन प्रमुख अंतरराष्ट्रीय गीतकार डॉ. बुद्धिनाथ मिश्र तथा शब्दाक्षर तमिलनाडु प्रदेश अध्यक्ष व व्यवस्था प्रमुख केवल कोठारी जी की आयोजन की सफलता में सराहनीय भूमिका रही। शब्दाक्षर के सभी राष्ट्रीय, प्रादेशिक तथा जिला समितियों के पदाधिकारियों को भी कार्यक्रम की सफलता का श्रेय जाता है, जिन्होंने शब्दाक्षर के साहित्यिक आमंत्रण को स्वीकार कर विभिन्न जगहों से दूरी तथा अपनी व्यस्तता की समस्याओं को दरकिनार कर कार्यक्रम में अपनी सक्रिय सहभागिता स्वीकार की।
दिनांक 25 से 27 नवंबर तक चलने वाले शब्दाक्षर हरिद्वार साहित्योत्सव के प्रथम दिन राष्ट्रीय अध्यक्ष रवि प्रताप सिंह, डॉ रश्मि प्रियदर्शनी, मनोज मिश्र पद्मनाभ, अजय वैद्य, सावित्री सुमन, कुसुम सोनी, अश्विनी कुमार, प्रदीप भट्ट, मनोज हिंदुस्तानी, राजकुमार प्रताप गढ़िया, रघुवर आनन्द, निशान्त सिंह गुलशन अरविंद दूबे, अश्विनी कुमार आदि ने मनसा देवी मंदिर के परिभ्रमण के दरम्यान प्राकृतिक सौंदर्य के मध्य रास्ते में ही आयोजित “शब्दाक्षर काव्यगोष्ठी” में खूबसूरत रचनाएँ पढ़ीं, जिसका आनंद अनेक श्रोताओं ने उठाया। हरिद्वार काव्यगोष्ठी का संचालन कुसुम सोनी ने तथा अध्यक्षता श्री पद्मनाभ ने की। प्रथम दिन संध्या के समय डॉ बुद्धिनाथ मिश्र जी की उपस्थिति में आमंत्रित शब्दाक्षर पदाधिकारियों ने मुक्तक, गीत तथा गजलें सुना कर खूब वाहवाहियाँ लूटीं।
द्वितीय दिवस स्वागत-सह-सम्मान सत्र में रचनाकारों को संस्था द्वारा, तिलक रोहण, बैज, श्री फल, मुक्तामाला, शब्दाक्षर अंगवस्त्र,शॉल तथा स्मृति चिन्ह प्रदान करके सम्मानित किया गया। शब्दाक्षर गीत माला, शब्दाक्षर संवेदना के स्वर संस्था के साझा संकलन तथा शब्दाक्षर पत्रिका एवं शब्दाक्षर के रचनाकारों की पुस्तकों के लोकार्पण तथा विभिन्न शब्दाक्षर सम्मान एवं पुरस्कारों के वितरण के उपरांत शब्दाक्षर कवि सम्मेलन का शुभारंभ हुआ जो तीन सत्रों में विभाजित था। इस दिन प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय सत्रों का संचालन क्रमशः शब्दाक्षर जिलाध्यक्ष लखनऊ संतोष कुमार तिवारी हिंदवी, महाराष्ट्र की प्रदेश अर्थमंत्री सीमा त्रिवेदी तथा शब्दाक्षर हरिद्वार जिलाध्यक्ष अमन शुक्ला शशांक ने किया तथा अध्यक्षता क्रमशः प्रदेश अध्यक्ष जम्मूकश्मीर डॉ. आदर्श प्रकाश, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अजय कुमार श्रीवास्तव मदहोश एवं प्रदेश अध्यक्ष गुजरात मनोज हिंदुस्तानी ने की। साथ ही, साहित्योत्सव के तृतीय दिवस शब्दाक्षर कवि सम्मेलन छः सत्रों में संपन्न हुआ। डॉ.बुद्धिनाथ मिश्र ने अपने प्रसिद्ध गीत सुनाये तथा कुशल हिन्दी साहित्य सृजन के लिए अनेक परामर्श दिये। राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ रश्मि ने बतलाया कि शब्दाक्षर द्वारा बतौर विशिष्ट अतिथि कार्यक्रम में पधारे कोलकाता की साहित्यिक संस्था रचनाकार के संस्थापक-अध्यक्ष सुरेश चौधरी तथा ‘हिंदी साहित्य परिषद’ के संस्थापक-अध्यक्ष संजय शुक्ला तथा शब्दाक्षर तेलंगाना के सलाहकार अजित गुप्ता को भी सम्मानित किया गया। सभी सत्रों का सीधा प्रसारण फेसबुक के शब्दाक्षर केन्द्रीय पेज से अनवरत किया गया, जिसके माध्यम से देश विदेश में बड़े पैमाने पर यह कार्यक्रम देखा गया। ज्ञातव्य हो कि शब्दाक्षर संस्था के 25 फेसबुक ग्रुप 17 फेसबुक पेज व 87 वाट्सप ग्रुप हैं, जो संस्था परिचालन के प्रमुख केन्द्र हैं।
शब्दाक्षर कवि सम्मेलन में रवि प्रताप सिंह, दया शंकर मिश्र, अनामिका सिंह, डॉ कुमारी रश्मि प्रियदर्शनी, सागर शर्मा ‘आजाद, जीवन सिंह, विश्वजीत शर्मा ‘सागर’, अजय श्रीवास्तव मदहोश,अक्षय राज शर्मा, निशांत सिंह गुलशन, डॉ. आदर्श प्रकाश, साधना प्रकाश, पदम सिंह चौधरी, नीता श्रीवास्तव , मधु सक्सेना, मीना शर्मा, नीलिमा मिश्रा, श्यामल मजूमदार, डॉ. संजय त्रिपाठी, सुमन सुरभि, विनोद कुमार सिंह, योगेश कुमार बेखुद, सोनी शर्मा, सपना पाण्डेय, शशिकांत मिश्र शशि, संत कुमार बाजपेई संत, राजकुमार प्रतापगढिया, कृष्णा राजपुरोहित, डॉ. स्मृति कुलश्रेष्ठ, डॉ.अंबिका मोदी, वंदना चौधरी, रघुवर आनंद, आलोक तिवारी, अनुराग सैनी, श्यामनारायण चौबे, संतोष तिवारी हिन्दवी ,अनमोल भाष्कर, अंकुर सहाय अंकुर, संतोषी दीक्षित, पुष्पा जोशी ‘प्राकाम्य, प्रतोष मिश्रा, सुबोध कुमार शर्मा ‘शेरकोटि’ ,मीरा चौबे, धर्मपाल साहिल,रशपाल देवी,सन्तोष संप्रीति, प्रवीण राही, बिट्टू जैन ‘सना’, सीमा त्रिवेदी, लाल बहादुर यादव ‘कमल’, मनोज दुबे, मनोज कुमार मिश्र ‘पदनाभ’, सावित्री सुमन, अजय कुमार, धनन्जय जयपुरी, अनुज बेचैन, नागेंद्र कुमार केशरी, अनिल अनल, जनार्दन मिश्र जलज, कुमार सानू मौर्य , ज्योति नारायण , प्रदीप देवीशरण भट्ट, गीता अग्रवाल, कृष्ण प्रकाश अग्रवाल, अश्वनी कुमार , प्रो. नूतन शर्मा, मनोज ‘हिंदुस्तानी’, कुसुम सोनी ‘अग्नि’, मधु पारख, बलवान सिंह ‘मानव’, राजीव खरे, लखन अनजान, सविता बांगड, हाकम भरद्वाज , गौरी शंकर दास, सुधीर कुमार सुमन, दत्तप्रसाद जोग, सुधा मिश्रा द्विवेदी, केवल कोठारी, लिंगम चिरंजीव राव, अमन शुक्ला ‘शशांक’, अरविंद दुबे, राज कुमारी थर्रान, आशा साहनी, डॉ. कल्पना कुशवाहा आदि कवि-कवयित्रियों ने सुमधुर स्वर में अपनी कविताएँ पढ़ीं। पिछले वर्ष चेन्नई साहित्योत्सव की भाँति ही हरिद्वार की यादों को भी अन्तस् में बसाकर सम्पूर्ण भारत के पदाधिकारी उर सन्तुष्टि निहित कर नम आँखों से अपने-अपने घर को प्रस्थानित हुए।