नई दिल्ली। चीफ जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच जजों की संविधान पीठ ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने और उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के 2019 के राष्ट्रपति आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। पीठ ने कहा, बार के सभी सदस्यों को धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हम इस पर बहस समाप्त करते हैं। आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।
संविधान पीठ, जिसमें सुप्रीम कोर्ट के पांच वरिष्ठतम न्यायाधीश शामिल थे, ने 2 अगस्त से मामले की सुनवाई शुरू की थी। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद शीर्ष अदालत जल्द ही अपना फैसला सुनाएगी। मार्च 2020 में इस मुद्दे को सात न्यायाधीशों की बड़ी पीठ को सौंपने के याचिकाकर्ताओं की मांग को स्वीकार करने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया था।
तत्कालीन सीजेआई एन.वी. रमना की अध्यक्षता वाली पांच जजों की संविधान पीठ ने तर्क दिया था कि अनुच्छेद 370 की व्याख्या से संबंधित प्रेम नाथ कौल और संपत प्रकाश मामले में शीर्ष अदालत के दिए गए पहले के फैसले एक दूसरे से विरोधाभासी नहीं थे।
सीजेआई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति खन्ना पीठ के नए सदस्य हैं। मुख्य न्यायाधीश रमना और न्यायमूर्ति सुभाष रेड्डी, जो पिछली पीठ का हिस्सा थे, सेवानिवृत्त हो चुके हैं।