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आज श्रीमती अन्नपूर्णा वर्मा के पैतृक निवास काशीपुर चाय बागान से उनकी अंतिम यात्रा सुबह 10: 30 बजे निकली। पति, पुत्र और आत्मीय स्वजनों के कंधे पर सुप्रतिष्ठित साहित्यकार श्रीमती अन्नपूर्णा वर्मा अंतिम यात्रा निकली। स्थानीय श्मशान में लगभग 11.50 बजे उनके पति अशोक वर्मा ने मुखाग्नि दी। उनका पार्थिव शरीर चिता की अग्नि में जलकर भस्म हो गया। बेटे पंकज और परिजनों के करुण क्रंदन तथा भारी वातावरण के बीच उनका अंतिम संस्कार किया गया। उनकी अंतिम यात्रा में आज गांव वासी और उनके परिजनों के साथ ज्योतिषाचार्य पंडित आनंद शास्त्री, हिंदीभाषी महिला मंच की अध्यक्षा डॉ रीता सिंह, सामाजिक कार्यकर्ता तापस भट्टाचार्य, वरिष्ठ पत्रकार और समाजसेवी दिलीप कुमार, पत्रकार योगेश दुबे, प्रींटमेकर के मालिक रूपक पाल, असम विश्वविद्यालय के अनूप वर्मा, शिलचर के प्रकाश चंद भूरा, विजन मजूमदार, सुभाष पाल तथा आदिमा मजूमदार सहित अनेक लोग शामिल थे।
आगामी 4 जून रविवार को अपराह्न 3:00 बजे शिलचर उन्नयन भवन के निकट स्थित हिंदी भवन में स्वर्गीय अन्नपूर्णा वर्मा की स्मृति में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया जाएगा। समाज के वरिष्ठ नागरिकों ने श्रीमती अन्नपूर्णा वर्मा से जुड़े लोगों से श्रद्धांजलि सभा में भाग लेने की अपील की है।