इंदौर, 2 जुलाई । शहर के मल्हारगंज स्थित युगपुरुष धाम अनाथ आश्रम में बीते दो दिनों में तबीयत बिगड़ने से 3 बच्चों की मौत हो गई। मंगलवार सुबह 12 बच्चों को चाचा नेहरू अस्पताल में भर्ती कराया गया है। आश्रम मैनेजमेंट ने इसकी पुष्टि की है।
आश्रम संचालिका डॉ. अनीता शर्मा ने बताया कि आश्रम में 204 बच्चे हैं। इनमें से 3 की मौत हुई और 12 बच्चों का इलाज जारी है। जिन बच्चों की मौत हुई, उनमें से दो को मिर्गी आती थी, जबकि एक की मौत का कारण पता नहीं चला है। इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह मंगलवार सुबह अस्पताल पहुंच कर बच्चों के स्वास्थ्य की जानकारी ली और उन्होंने मामले की विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं।
आश्रम संचालिका डॉ. अनीता शर्मा ने बताया कि आश्रम में मप्र के अलग-अलग जिलों से लाए गए बच्चों को रखा गया है। इनमें से तबियत बिगड़ने के बाद एक बच्चे की मौत हो गई थी। 12 बच्चों की सोमवार को अचानक तबीयत खराब होने के बाद चाचा नेहरू अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इनमें से एक बच्चे की सोमवार रात इलाज के दौरान मौत हो गई। वहीं, एक अन्य बच्चे ने मंगलवार सुबह उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। आश्रम की ओर से बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष को लेटर लिखकर मामले की जानकारी दी गई है। इसमें खून में इंफेक्शन होने की बात लिखी है। डॉक्टर्स इसे वेरिफाय कर रहे हैं। फिलहाल इसकी पुष्टि नहीं हुई है।
एडीएम राजेंद्र रघुवंशी ने मंगलवार को मीडिया से बातचीत में बताया कि आश्रम में 204 बच्चे हैं। इनमें से तीन की मौत हो गई है, जबकि 12 बच्चे अस्पताल में भर्ती हैं। बाकी बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए डॉक्टर्स की टीम पहुंच गई है। वहीं, फूड सेफ्टी टीम भी जांच कर रही है।
बच्चों की मौत की सूचना पर इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह चाचा नेहरू अस्पताल पहुंचे। कलेक्टर ने बताया कि सभी बच्चे मल्हारगंज स्थित युगपुरुष धाम आश्रम में रह रहे थे। इन्हें अलग-अलग जिलों से लाकर आश्रम को सौंपा गया था। मल्हारगंज पुलिस के मुताबिक 12 साल के करण की सोमवार को तबीयत बिगड़ी और मौत हुई। मंगलवार सुबह 7 साल के आकाश ने भी दम तोड़ दिया। उन्होंने बताया कि रविवार को जिस बच्चे की मौत हुई उसे मिर्गी की बीमारी थी, जबकि सोमवार रात को जिस बच्चे की मौत हुई वह डिहाइड्रेशन का शिकार हुआ था। फिर भी दोनों की मौत का परीक्षण किया जाएगा।
इधर, जानकारी मिली है कि बच्चों के खून में संक्रमण के कारण तबीयत बिगड़ी है। बच्चों की मौत के बाद पुलिस भी इस मामले की जांच कर रही है। कलेक्टर आशीष सिंह के अनुसार बच्चों की मौत डायरिया अथवा डिहाइड्रेशन और मिर्गी जैसी बीमारी से होने की आशंका है, लेकिन पूरी जांच के बाद ही स्पष्ट कारण पता चल सकेगा।
गौरतलब है कि इस आश्रम की शुरुआत वर्ष 2006 में की गई थी। स्वामी परमानंद गिरी के सानिध्य में यह आश्रम संचालित होता है। पता चला है कि इस आश्रम में सभी बच्चों के पिता का नाम आश्रम के सचिव तुलसी शादीजा के नाम पर और मां का नाम प्राचार्य अनीता के नाम पर है। सभी के उपनाम स्वामीजी के नाम पर परमानंद ही रखे गए हैं।