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अब जामताड़ा नहीं रहा साइबर क्राइम करने वालों का ठिकाना, स्कैमर्स ने इस राज्य में बना लिया नया अड्डा

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अब ठगों को पता चल गया है कि लोग क्रेडिट कार्ड, एटीएम ब्लॉक और शॉपिंग वेबसाइट के नाम पर उनका शिकार नहीं बन रहे हैं. इसलिए उन्होंने इसके लिए एक नया तरीका खोज निकाला है.

एक समय में जब किसी के साथ ऑनलाइन ठगी होती थी तो सबसे पहला शक जामताड़ा के ठगों पर जाता था. लेकिन अब जामताड़ा से ज्यादा ठग नूंह में हो गए हैं. नूंह हरियाणा का एक जिला है. इस जिले के गांवों में ठगों के कई गिरोह एक्टिव हैं. यहां ठगों का कोचिंग सेंटर भी चलता है. इन कोचिंग सेंटरों में फीस लेकर लोगों को ठगी के गुण सिखाए जाते हैं. चलिए इसके बारे में आपको विस्तार से बताते हैं.

ठगी की कोचिंग

इंडिया टुडे की खबर के अनुसार, नुंह के कई गांव ऐसे हैं जहां ठग ऐसे कोचिंग सेंटर्स चलाते हैं जहां ठगी के गुण सिखाए जाते हैं. ये कोचिंग सेंटर्स ऑफलाइन के साथ-साथ ऑनलाइन भी चलाए जाते हैं. यहां एडमिशन के लिए छात्रों से 40 हजार से एक लाख रुपये तक की फीस वसूली जाती है. बीते दिनों हरियाणा पुलिस ने नूंह के ऐसे कई गांवों में छापा मारा और कई लोगों को गिरफ्तार किया. इसके अलावा अब पुलिस ठगी वाले इन कोचिंग संस्थानों को ध्वस्त करने में जुट गई है.

मेवात का इलाका भी ठगों का गढ़

नूंह के अलावा हरियाणा का ही एक इलाका और है मेवात. मेवात को भी ठगी का गढ़ माना जाता है. दरअसल, मेवात यूपी और राजस्थान के साथ बॉर्डर शेयर करता है, इसलिए ठग यहां सबसे ज्यादा एक्टिव रहते हैं. जैसे ही पुलिस की छापेमारी होती है ये ठग राजस्थान और यूपी में भाग जाते हैं. यहां के ठग ज्यादातर ठगी ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइटों के नाम से करते हैं. खासतौर से ओएलएक्स, फ्लिकार्ट और एमाज़ॉन का नाम लेकर ये ठग सबसे ज्यादा ठगी करते हैं.

ठगी का एक और नया तरीका निकला है

अब ठगों को पता चल गया है कि लोग क्रेडिट कार्ड, एटीएम ब्लॉक और शॉपिंग वेबसाइट के नाम पर उनका शिकार नहीं बन रहे हैं. इसलिए उन्होंने इसके लिए एक नया तरीका खोज निकाला है. अब ठग आपको फोन करते हैं और खुद को क्राइम ब्रांच का अधिकारी या फिर कोई पुलिस अधिकारी बताते हैं. इसके बाद ये आप पर तरह-तरह के आरोप लगा कर आपको डराने की कोशिश करते हैं.

जैसे- आपने अपने फोन में गंदी तस्वीरें और वीडियो देखी है, आपके नाम से कोई कुरियर है जिसमें ड्रग्स हैं, आपके फोन से किसी को गाली दी गई है, आपने ट्रैफिक सिग्नल तोड़ा है या आपका कोई रिश्तेदार किसी मामले में पुलिस की गिरफ्त में है. ये सब बोल कर पहले वो आपसे आपकी नॉर्मल जानकारी लेंगे. इसके बाद ये ठग आपसे बैंक डिटेल्स जैसी पर्सनल डिटेल्स मांगते हैं और जैसे ही आप इन्हें अपनी पर्सनल डिटेल्स देते हैं आपके बैंक खाते को पलक झपकते ही खाली कर देते हैं.

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