नई दिल्ली। प्रधानमंत्री आवास योजना के दूसरे संस्करण की शुरुआत करते हुए केंद्र सरकार ने लाभार्थियों को ब्याज सब्सिडी प्रदान करने के लिए कर्ज देने वाले 147 संस्थानों और बैंकों के साथ समझौते किए हैं।केंद्रीय आवास और शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल ने पीएम आवास योजना के घटक इंटरेस्ट सब्सिडी स्कीम पर आयोजित एक राष्ट्रीय वर्कशाप में कहा कि सही लाभार्थियों की पहचान और उन्हें योजना के मुताबिक आवास प्रदान करने के लिए सभी पक्षों को मिलकर कार्य करना होगा। सिस्टम इस तरह होना चाहिए कि घर विहीन लोग इस योजना से लाभान्वित हों और इसमें कोई बाधा नहीं आने पाए।
केंद्र ने पोर्टल किया लांच केंद्र सरकार घर के लिए ब्याज सब्सिडी योजना पर जोर दे रही है, क्योंकि इसके दायरे में अल्प वर्ग आय के अलावा मध्य वर्ग के लोग भी आएंगे। इसके लिए बैंकिंग समुदाय का महत्व सबसे अधिक है। केंद्र सरकार इस योजना का लाभ उठाने वालों को 1.80 लाख रुपये तक की ब्याज सब्सिडी उपलब्ध कराएगी।सरकार ने पीएम आवास योजना के लिए एक पोर्टल भी लांच किया है। आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा बनाए गए इस पोर्टल के जरिये ही पीएम आवास योजना का क्रियान्वयन किया जाएगा। प्रधानमंत्री आवास योजना का संचालन केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय करता है।
निगरानी रखना होगा आसान
पोर्टल ने आवदेकों के लिए आवेदन की प्रक्रिया को सहज-सरल कर दिया। इसके जरिये आवेदक यह भी जान सकेंगे कि उनके आवेदन की क्या स्थिति है। योजना के क्रियान्वयन से जुड़े सभी पक्ष इसमें अपना-अपना डाटा भी साझा कर सकेंगे। इससे न केवल योजना के क्रियान्वयन की प्रक्रिया तेज होगी, बल्कि केंद्रीय स्तर पर उस पर निगरानी भी रखी जा सकेगी। वर्कशाप में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के प्रतिनिधियों समेत 250 से अधिक लोगों ने भाग लिया।
कब शुरू हुई थी योजना?
प्रधानमंत्री आवास योजना की शुरुआत 25 जून 2015 को हुई थी। योजना का उद्देश्य बेघर लोगों को पक्का मकान उपलब्ध कराना था। प्रधानमंत्री आवास योजाना शहरी के मुताबिक गरीबों को पक्के मकान बनाने में सहायता प्रदान की जाती है। इन घरों में बिजली और पानी की आपूर्ति की व्यवस्था सरकार करती है। शौचालय और रसोईघर की भी व्यवस्था की जाती है।
इनको मिलती है प्राथमिकता
योजना में अनुसूचित जाति एवं जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, वरिष्ठ नागरिक, दिव्यांग, अल्पसंख्यक और ट्रांसजेंडर को प्राथमिकता दी जाती है।