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शिव कुमार,शिलचर 31 मार्च: राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (NIT) शिलचर में आयोजित एक विशेष पत्रकार वार्ता में प्रख्यात राष्ट्रीय वक्ता पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने भारत में बढ़ रही अवैध घुसपैठ को लेकर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने सवाल उठाया क्या देश केवल सरकारों से चलता है? कुछ लोग जो देश की संपत्ति, संस्कृति, परंपरा को रौद रहे हैं, उन्हें रोकने का, प्रतिवाद करने का हमारा दायित्व नहीं है?
उन्होंने कहा कि यह बेहद चिंताजनक है कि विदेशी नागरिक हजारों किलोमीटर की दूरी तय करके भारत के विभिन्न हिस्सों में बिना किसी बड़ी बाधा के बस जाते हैं, जबकि भारतीयों के लिए ही कई क्षेत्रों में प्रतिबंध लागू हैं। उन्होंने धारा 370 का उदाहरण देते हुए कहा कि जब भारतीय नागरिक कश्मीर में ज़मीन नहीं खरीद सकते थे, तो फिर म्यांमार और अन्य देशों से आए लोग वहां तक कैसे पहुंच गए? यह सरकारी तंत्र की लचर व्यवस्था और भ्रष्टाचार की ओर इशारा करता है, जिसके कारण अवैध घुसपैठियों को आसानी से दस्तावेज उपलब्ध कराए जा रहे हैं और वे भारत में स्थायी रूप से बसने में सफल हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने बताया है कि भारत में अवैध रूप से 5 करोड़ 20 लाख घुसपैठिए रह रहे हैं।
पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने संगठन निर्माण को लेकर भी अपनी स्पष्ट राय रखी और कहा कि संगठन बनाना समस्या का समाधान नहीं है। उन्होंने कहा, मुझे ऐसा लगता है कि संगठन बनाकर काम करने से ज़्यादा जरूरी है कि लोग अपने स्तर पर जागरूक हों और सच बोलें। मैंने कभी संगठन बनाने के बारे में नहीं सोचा, क्योंकि अधिकतर संगठन धीरे-धीरे अपने असल उद्देश्य से भटक जाते हैं। उनकी ताकत बढ़ने लगती है, फिर वे सत्ता में दखल देने लगते हैं, टिकट दिलवाने का काम करने लगते हैं और अंततः अपनी मूल विचारधारा से भटक जाते हैं।उन्होंने सवाल उठाया कि जब देशभर में पहले से इतने संगठन मौजूद हैं, तो आखिर अवैध घुसपैठ रोकने के लिए ठोस कदम क्यों नहीं उठाए जाते? उन्होंने संचार क्रांति के युग में सोशल मीडिया की ताकत पर जोर दिया और कहा कि आज सोशल मीडिया के माध्यम से विचारों का प्रसार आसानी से हो रहा है। मैं असम के शिलचर पहली बार आया हूँ, यहाँ के किसी व्यक्ति को पहले से नहीं जानता था। इसके बावजूद हजारों लोग सोशल मीडिया के माध्यम से मुझसे जुड़ गए। यह इस दौर की ताकत है कि बिना किसी संगठन के भी सच्चाई की आवाज़ दूर तक पहुंच सकती है।उन्होंने कहा कि अब लोगों को संगठनों पर निर्भर रहने के बजाय खुद सच बोलने और जागरूक होने की जरूरत है। पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने बेबाकी से कहा कि इस दौर में भी कई लोग सच बोलने से डरते हैं, जबकि सच कहना हर नागरिक का कर्तव्य होना चाहिए। उन्होंने कहा, अगर लोग सच नहीं बोल रहे तो इसमें मेरा क्या कसूर? अगर मैं झूठ बोलूं तो मुझे बताइए, पर मैं सच बोलने से नहीं रुकूंगा। हो सकता है कि मेरी बातों में कभी कोई आंकड़ा इधर-उधर हो जाए, लेकिन मेरा मकसद केवल सच्चाई सामने लाना है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि अवैध घुसपैठ जैसे गंभीर मुद्दे पर हर नागरिक को सतर्क रहना चाहिए और सरकार से इस दिशा में कड़ी कार्रवाई की मांग करनी चाहिए। इस अवसर पर उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों ने भी अवैध घुसपैठ पर गहरी चिंता जताई और सरकार से ठोस कदम उठाने की मांग की। इनमें प्रमुख रूप से हिंदीभाषी चाय जनसमुदाय मंच के अध्यक्ष उदय शंकर गोस्वामी, सचिव कंचन सिंह, वरिष्ठ सदस्य प्रदीप गोस्वामी, जयप्रकाश गुप्ता, मनीष पांडेय, और राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान शिलचर के अधिकारी रूप ज्योति जी शामिल थे। सभी ने इस बात पर सहमति जताई कि यदि समय रहते इस पर ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो इसका गंभीर दुष्परिणाम देश को भुगतना पड़ सकता है। अंत में, पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने देशवासियों से राष्ट्रीय सुरक्षा, भ्रष्टाचार और घुसपैठ जैसे गंभीर मुद्दों पर सजग रहने की अपील की। उन्होंने कहा कि “यह सिर्फ सरकार की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि हर नागरिक को जागरूक होकर अपने अधिकारों और देश की संप्रभुता की रक्षा करनी होगी। सनातन को आवाज उठानी होगी, सिर्फ बातों से नहीं, बल्कि जागरूकता और एकता से ही बदलाव आएगा!
उल्लेखनीय है कि पुष्पेंद्र जी हिंदीभाषी एवं चाय जन समुदाय मंच के निमंत्रण पर शिलचर आए थे। रविवार को हंसी-खुशी विवाह भवन में एक भव्य और ऐतिहासिक कार्यक्रम आयोजित हुआ। कार्यक्रम के आयोजन में सभापति उदय शंकर गोस्वामी, कार्यकारी अध्यक्ष अवधेश कुमार सिंह, महासचिव कंचन सिंह सहित प्रमुख कार्यकर्ता युगल किशोर त्रिपाठी, प्रदीप गोस्वामी, प्रमोद जायसवाल, मनोज कुमार साहू, रंजीत साहू, मनीष पांडेय, योगेश दुबे, जयप्रकाश गुप्ता आदि ने कर्मठता और सक्रियता से कार्यक्रम को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।