असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद खालिस्तानी आतंक अमृतपाल समेत 9 हमदर्दों के परिजनों ने असम डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल में उनसे मुलाकात की।

डिब्रूगढ़। असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद खालिस्तानी आतंक अमृतपाल समेत 9 हमदर्दों के परिजनों ने असम डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल में उनसे मुलाकात की। अमृतपाल सिंह परिवार के सदस्यों का नेतृत्व शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के कार्यकारी सदस्य और कानूनी सलाहकार भगवंत सिंह सियाल्का ने किया।
जिन खालिस्तानी हमदर्दों के रिश्तेदार असम पहुंचे हैं उनमें कुलवंत सिंह धालीवाल, वरिंदर सिंह जोहल, गुरमीत सिंह बुक्कनवाला, हरजीत सिंह, भगवंत सिंह बाजेके, बसंत सिंह, गुरिंदरपाल सिंह और पापलप्रीत सिंह शामिल हैं।
भगवंत सिंह सियालका ने संवाददाताओं से कहा, हम परिवार वालों से मिलने आए हैं। हमें डिब्रूगढ़ जेल में सदस्यों से मिलने के लिए अमृतसर के जिला मजिस्ट्रेट से अनुमति मिली है। हम सरकार की कार्रवाई को पंजाब हाई कोर्ट में चुनौती देंगे।
डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल के बाहर मीडियाकर्मियों से बात करते हुए सिमरनजीत सिंह ने कहा कि उनके खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) बिना वैध आधार के लगाया गया है। हम इसे पंजाब हाई कोर्ट में चुनौती देंगे। हमें विश्वास है कि एनएसए को समाप्त कर दिया जाएगा और वे जल्द ही जेल से बाहर आ जाएंगे।उन्होंने कहा कि हम एनएसए के लिए लड़ेंगे जो उन पर लगाया गया था और उन्हें डिब्रूगढ़ जेल लाया गया जो पंजाब से 3000 किलोमीटर से अधिक दूर था। हम कानूनी लड़ाई शुरू करेंगे। वारिस पंजाब डी प्रमुख और कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल सिंह के परिवार का कोई भी सदस्य आज उनसे मिलने नहीं आया।





















