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शिवकुमार 4 अगस्त- शिलचर के सांसद परिमल शुक्लवैद्य के साथ एक साक्षात्कार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय सरकार की 100 दिनों की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने बताया कि मोदी सरकार ने 10 वर्षों में जो कार्य किए, वे अद्वितीय हैं, और अब तीसरी बार सत्ता में आने के बाद, सरकार का लक्ष्य “त्रिगुणा” यानी तीन गुना अधिक काम करना है। इसका उद्देश्य देश को विकसित भारत के रूप में उभारना है, जिसमें हर विभाग और डिपार्टमेंट अपनी पूरी क्षमता से योगदान दे रहा है।शुक्लवैद्य ने असम के औद्योगिक विकास पर विशेष ध्यान दिया, खासकर चाय बागान क्षेत्रों में। उन्होंने कहा कि असम का औद्योगिक क्षेत्र अभी तक पूरी तरह से उभर नहीं पाया है, लेकिन चाय बागानों के श्रमिकों की दशा में अब काफी सुधार हुआ है। पहले, चाय बागानों के श्रमिकों को मिलने वाली मजदूरी में असमानता थी, लेकिन अब उनके वेतन में लगभग समानता लाई जा चुकी है। यह बदलाव राज्य और केंद्र सरकार की संयुक्त पहल का परिणाम है।
इसके अलावा, चाय बागानों में श्रमिकों के लिए “धनमेला” योजना चलाई गई है, जिसमें श्रमिकों को पासपोर्ट जैसे दस्तावेज़ या वित्तीय सहायता दी जा रही है, जिससे वे अपने परिवार का बेहतर ढंग से समर्थन कर सकें। चाय बागानों में बुनियादी ढांचे का विकास भी तेजी से हो रहा है, जहाँ हर बागान में करोड़ों रुपये की लागत से मुख्य सड़कें बनाई जा रही हैं, जिससे श्रमिकों और क्षेत्र के निवासियों को बेहतर परिवहन सुविधाएं मिलेंगी।शुक्लवैद्य ने बताया कि सरकार ने बागानों में स्कूलों की भी स्थापना की है, ताकि श्रमिकों के बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल सके। हालांकि, समस्याएं अभी भी हैं, लेकिन राज्य और केंद्र सरकारें मिलकर इन मुद्दों का समाधान करने के लिए प्रयासरत हैं। रोड कम्युनिकेशन में सुधार के कारण चाय बागान क्षेत्रों में परिवहन की स्थिति पहले से काफी बेहतर हो गई है, जिससे श्रमिकों और उनके परिवारों को भी राहत मिली है।उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से असम के चाय बागानों और अन्य क्षेत्रों में निरंतर प्रयास जारी रहेंगे, ताकि यहां के लोगों की स्थिति में व्यापक सुधार लाया जा सके।