फॉलो करें

असम के मुख्यमंत्री की प्रेस वार्ता: बराक घाटी के चाय बागानों को पुनर्जीवित करने की योजनाओं पर चर्चा

88 Views
शिव कुमार शिलचर 2 जनवरी,गुवाहाटी में असम के मुख्यमंत्री माननीय डॉक्टर हिमंत विश्व शर्मा द्वारा आयोजित वार्षिक प्रेस वार्ता इस बार भी सूचनात्मक और महत्वपूर्ण रही। इस संवाद कार्यक्रम में पत्रकारों और मीडिया संस्थानों ने राज्य के विकास और चुनौतियों से जुड़े सवाल उठाए। इस अवसर पर शिलचर, असम से प्रकाशित दैनिक “प्रेरणा भारती” के प्रकाशक दिलीप कुमार ने भाग लिया और बराक घाटी के चाय बागानों की बदहाल स्थिति पर ध्यान आकर्षित किया।
दिलीप कुमार द्वारा मुख्य मंत्री से पूछा गया सवाल:
बराक घाटी, जो कभी असम के चाय उद्योग की मजबूत पहचान का हिस्सा था, आज चुनौतियों का सामना कर रहा है। चाय बागानों की हालत कमजोर हो रही है। कई बागान बंद हो चुके हैं, और कई अन्य आर्थिक और प्रबंधन समस्याओं से जूझ रहे हैं। इस वजह से घाटी के युवा रोजगार की तलाश में अन्य राज्यों जैसे पुणे, बेंगलुरु और हैदराबाद पलायन कर रहे हैं।बराक घाटी के इन चाय बागानों को पुनर्जीवित करने और स्थानीय युवाओं को रोजगार देने के लिए सरकार की क्या योजना है?
मुख्यमंत्री का जवाब:
मुख्यमंत्री ने इस मुद्दे को गंभीरता से स्वीकार किया और कहा कि चाय उद्योग असम की पहचान और अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। उन्होंने यह भी बताया कि वर्ष 2024 में असम के चाय उद्योग, विशेष रूप से चाय बागानों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा,चाय बागानों ने पिछले वर्ष शानदार उत्पादन किया और अच्छा मुनाफा कमाया, जिसके परिणामस्वरूप कर्मचारियों को बोनस भी दिया गया। लेकिन बराक घाटी के कुछ बागानों की स्थिति खराब है। इसके पीछे प्रबंधन की खामियां और अतिक्रमण जैसी समस्याएं मुख्य कारण हैं।उन्होंने अतिक्रमण के मुद्दे पर भी अपनी चिंता जाहिर की और कहा कि यह चाय बागानों की उत्पादन क्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हटाने के लिए स्थानीय लोगों की प्रतिक्रियाओं को संभालना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार चाय बागानों की गुणवत्ता सुधारने, पेस्टिसाइड नियंत्रण करने और उत्पादन बढ़ाने के लिए नई नीतियां लागू कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि चाय बागान प्रबंधन से जुड़ी समस्याओं को हल करने के लिए व्यक्तिगत स्तर पर बातचीत और हस्तक्षेप आवश्यक है।
दिलीप कुमार ने इस महत्वपूर्ण मंच पर बराक घाटी के मुद्दों को उठाकर एक बड़ा योगदान दिया। उनकी उपस्थिति ने यह सुनिश्चित किया कि चाय बागानों की समस्याओं और स्थानीय युवाओं के पलायन जैसे मुद्दों पर सरकार का ध्यान आकर्षित हो सके।बराक घाटी के चाय बागानों की स्थिति को सुधारने के लिए सरकार की योजनाएं आशाजनक हैं, लेकिन इन्हें प्रभावी रूप से लागू करने की आवश्यकता है। यह मुद्दा न केवल चाय उद्योग के भविष्य से जुड़ा है, बल्कि स्थानीय युवाओं के रोजगार और क्षेत्रीय विकास के लिए भी महत्वपूर्ण है। यह संवाद असम के चाय उद्योग को पुनर्जीवित करने की दिशा में एक नई उम्मीद जगाता है और राज्य के स्थानीय मुद्दों पर सरकार की सक्रियता को उजागर करता है।

Share this post:

Leave a Comment

खबरें और भी हैं...

लाइव क्रिकट स्कोर

कोरोना अपडेट

Weather Data Source: Wetter Indien 7 tage

राशिफल