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असम के हिंदी भाषी हमारे अपने- लुरिन ज्योति गोगोई

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असमिया हिंदीभाषियों को आजादी के बाद से आयी कांग्रेस और भाजपा सरकार ने जमकर ठगा और केवल वोट बैंक के रूप में व्यवहार किया। प्रेस को जारी एक बयान में असम जातीय परिषद के अध्यक्ष लुरिन ज्योति गोगोई ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि दशकों पहले भारत के विभिन्न राज्यों से असम में आकर बसने वाले, बिहार, उतरप्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब तथा अन्य प्रांत के लोगों का न सिर्फ यहां के आर्थिक बल्कि सामाजिक, सांस्कृतिक और साहित्यिक क्षेत्र में भी योगदान है। गोगोई ने कहा कि ये सारे लोग आज वृहत्तर असमिया जाति के अंग है। इनके अधिकारों की सुरक्षा और विकास असम जातीय परिषद की प्राथमिकताओं में से एक होगी। गोगोई ने कहा कि हमारी सरकार गठन होने पर हम स्वर्गीय छगन लाल जैन के नाम पर सालाना राज्यिक साहित्यिक पुरस्कार और स्व. हनुमान बक्स कनोई के नाम पर शिक्षा के क्षेत्र में पुरस्कार और छात्रवृति शुरु करेंगे। उन्होंने कहा कि फैंसी बाजार के महावीर स्थल को अंहिसा क्षेत्र के रूप में विकसित करने के साथ असम में जैन संस्कृति के प्रभाव को लेकर जैन संग्राहालय की भी स्थापना की जायेगी। उन्होंने कहा कि तीन और चार नंबर रेलवे गेट पर फ्लाईओवर निर्माण के जरिए ट्रैफिक जाम की समस्या को दूर किया जायेगा।

साथ ही फ्लाईओवर का नामांकरण आचार्य श्रीतुलसी और गोस्वामी तुलसीदास के नाम पर किया जायेगा। उन्होंने कहा कि पं. केदारमल ब्राह्मण और मुरलीधर सुरेका के अवदान को देखते हुए फैंसीबाजार चाराली पर उनकी प्रतिमा स्थापित की जायेगी। उन्होंने कहा कि हिंदीभाषी मूल के जातीयतावादी नेता और आसू के पूर्व अध्यक्ष दुमदुमा ललन प्रसाद सिंह के नाम पर भी असम हितैषी पुरस्कार प्रदान किया जायेगा। उन्होंने पूर्वोतर हिंदुस्तानी केद्रीय विद्यालय, दिगंबर जैन विद्यालय और गुरु नानक स्कूल जैसे शिक्षण संस्थानों के विकास के लिए, पक्के छठ घाट निर्माण के लिए आर्थिक अनुदान दिए जाने की बात भी कही। गोगोई ने कहा कि हिंदीभाषी विकास परिषद में हिंदीभाषियों की सभी जातियों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करते हुए उनके सामग्रिक विकास के लिए 100 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान रखा जायेगा। उन्होंने शाकाहारी महिला छात्रावास निर्माण, मारवाड़ी युवामंच सहित अन्य इच्छुक संस्थाओं को ब्लड बैंक निर्माण हेतु भूमि आवंटन और आर्थिक सहयोग, सूर्या पहाड़ को सनातन व जैन संस्कृति के केंद्र के रूप में स्थापित करने, धुबड़ी गुरुद्वारा साहेब को सांस्कृतिक और धार्मिक केंद्र, पामोही स्थित भीमाशंकर महादेव को ज्योतिर्लिंग के रूप में और अधिक विकसित करने, अरुणाचल सरकार की मदद से भगवान परशुराम तीर्थ क्षेत्र के विकास और वहां तीर्थयात्री निवास की बेहतर सुविधायें देने, श्री गौहाटी गौशाला सहित सभी गौशालाओं को आर्थिक अनुदान देने की बात भी कही। गोगोई ने वाल्मिकी हरिजन समाज के विकास के लिए अलग विभाग बनाकर 100 करोड़ रूपये का प्रावधान किये जाने की बात कही।

इसके अलावा फैंसी बाजार और राज्य के अन्य व्यापारिक केंद्रों में पार्किंग की व्यवस्था, आधार और सीएससी केंद्र की स्थापना, छोटे व्यापारियों को 5 लाख व मझौले व्यापारियों को 20 लाख तक न्यूनतम दर पर सुविधाजनक लोन उपलब्ध करवाया जायेगा। साथ ही छोटे स्तर पर रोजगार करने वाले लोगों को ठेला, रिक्शा, चाय की दुकान, चाट-पकोड़े की दुकान आदि के लिए भी आर्थिक सहयोग प्रदान किया जायेगा। गोगोई ने लेबर टैक्स और ट्रैड लाइसेंस शुल्क को कम किए जाने का भी भरोसा दिया। गोगोई ने कहा कि हिंदी को एमआइएल के रूप में एपीएससी परीक्षाओं में शामिल किया जायेगा, ताकि मेधावी हिंदीभाषी छात्रों को असुविधा न हो। गोगोई ने कहा कि हम हिंदीभाषियों को वोटबैंक के रूप में नहीं बल्कि हमारे अपने असमिया भाइयों के रूप में देखते हैं, उनकी समस्याओं को दूर करना और उन्हें उचित सम्मान देना हमारी जिम्मेदारी है।

ब्रहमपुत्र एवं बराकघाटी में अधिकांश हिंदी भाषी आजादी के बाद राजनीतिक दलों के कृत्रिम आश्वासनों में उलझे रहे लेकिन हम हिंदी भाषी लोगों के योगदान को अहम मानते हैं.

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