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शिलचर 27 जुलाई: असम गणित ओलंपियाड असम गणित शिक्षायतन द्वारा कक्षा 5वीं से 11वीं तक के छात्रों के लिए आयोजित एक राज्य स्तरीय गणितीय प्रतियोगिता है। यह प्रतियोगिता छात्रों की गणितीय समझ और समस्या-समाधान कौशल की परीक्षा के लिए तैयार की गई है। इसका उद्देश्य मुंबई स्थित होमी भाभा विज्ञान शिक्षा केंद्र के अधीन आयोजित “इंडियन ओलंपियाड क्वालिफायर इन मैथमैटिक्स (IOQM)” के लिए तैयारी कर रहे छात्रों को आत्म-मूल्यांकन का एक मंच प्रदान करना है।
इस उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए, कछार जिला शाखा ने इस ग्रीष्मावकाश में एक गणित प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया, जिसमें जिले के विभिन्न स्कूलों के छात्र-छात्राओं ने भाग लिया।
कैटेगरी 1 (कक्षा 5वीं–6वीं) में 24 छात्र, कैटेगरी 2 (कक्षा 7वीं–8वीं) में 20 छात्र, और कैटेगरी 3 (कक्षा 9वीं–10वीं) में 25 छात्र शामिल हुए। कुल मिलाकर 69 छात्रों ने भाग लिया।
इस प्रशिक्षण में कछार जिले के प्रतिष्ठित प्रशिक्षकों ने पूर्ण निष्ठा के साथ शिक्षण कार्य किया। प्रशिक्षकों में प्रोफेसर डॉ॰ देवाशीष शर्मा, वाइस प्रिंसिपल जोगेन्द्र चंद्र दास, सहायक शिक्षक सुकेश दास, विश्वजीत घोष, मीनाक्षी नाथ, बप्पा रॉय, पल्लव डे, CRCC एवं शैक्षिक समन्वयक प्रणय पाल, शोधकर्ता राहुल पाल, कार्तिक पाल और चंद्रमौली चक्रवर्ती शामिल थे। प्रत्येक दिन विद्यालय के प्रधानाचार्य प्रसून कांति देव स्वयं उपस्थित रहकर शिविर के संचालन में पूरा सहयोग करते रहे। प्रशिक्षकों ने ओलंपियाड पाठ्यक्रम के अनुसार विषयों को अत्यंत सरलता से समझाया। प्रत्येक सत्र में छात्र अत्यधिक ध्यानपूर्वक भाग लेते थे। पूरे चार दिनों तक शिविर में एक गणितमय वातावरण बना रहा।
अंतिम दिन एक छोटा समापन समारोह आयोजित किया गया। इसमें कछार जिला शाखा के महासचिव एवं गुरूचरण कॉलेज के गणित विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ॰ देवाशीष शर्मा ने छात्रों को गणित ओलंपियाड की जानकारी दी। विख्यात शिक्षक जोगेन्द्र चंद्र दास ने भी छात्रों को संबोधित किया। वर्तमान में अमेरिका के शिकागो विश्वविद्यालय में शोधरत कछार के होनहार छात्र चंद्रमौली चक्रवर्ती ने गणितीय अध्ययन के विभिन्न पहलुओं पर छात्रों को आगे बढ़ने की प्रेरणा दी।
प्रत्येक छात्र और प्रशिक्षक को सहभागिता प्रमाणपत्र प्रदान किया गया। शिविर को सफलतापूर्वक संपन्न करने के लिए विवेकानंद विद्यापीठ एचएस स्कूल के प्रधानाचार्य प्रसून कांति देव को विशेष धन्यवाद एवं आभार व्यक्त किया गया। साथ ही, सभी प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से जुड़े लोगों को धन्यवाद दिया गया। अंत में राष्ट्रगान के साथ प्रशिक्षण शिविर का समापन हुआ।





















