गुवाहाटी, राज्य के पुलिस महानिदेशक जीपी सिंह ने कहा है कि उल्फा (स्व) उनके विरुद्ध चाहे जितनी भी अपमानजनक बातें कहे, उन्हें उससे कोई फर्क नहीं पड़ता है, लेकिन असम पुलिस के विषय में अपमानजनक भाषा का प्रयोग करना उन्हें किसी भी तरह से स्वीकार नहीं है। पुलिस महानिदेशक ने कहा कि वे कश्मीर और पंजाब में भी ड्यूटी के दौरान उग्रवादी संगठनों द्वारा विभिन्न प्रकार की बातें अपने लिए सुन चुके हैं। इन बातों से उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता है। लेकिन, जो असम पुलिस हमारा सिरमौर है, जिस असम पुलिस का 200 वर्ष पुराना इतिहास है- उस असम पुलिस के बारे में अपमानजनक टिप्पणी उल्फा द्वारा किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। डीजीपी ने कहा कि वे हमेशा ही राज्य के युवाओं को कहते हैं कि असम में रहकर काम करने में उनके विकास की अपार संभावनाएं हैं। इससे राज्य का भी विकास होगा। उल्फा जैसे, ऐसे तानाशाह संगठन में जाने का कोई मतलब नहीं है, जहां उनकी जान की कोई कीमत नहीं हो। डीजीपी आज यहां पत्रकारों से उल्फा द्वारा कल लिखी गई मीडिया को चिट्ठी के संदर्भ में प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे।





















