शंकरी चौधुरी, हाइलाकान्दी, 10 फरवरी: दक्षिण असम के हाइलाकान्दी जिले में 154 नं राष्ट्रीय घाईपथ के असम-मिजोरम सीमा पर असम जातीयताबादी युव छात्र परिषद (AJYCP), अल असम स्टूडेंट्स यूनियन (AASU), कृषक मुक्ति संग्राम समिति (KMSS) सहित कई संगठनों द्वारा आर्थिक नाकेबंदी की गई है।
प्रशासन के आश्वासन के बाद आज आर्थिक नाकेबंदी वापस ले लिया गया। असम- मिजोरम सीमा के कचूरथल इलाके में असम के निवासियों पर हमले एवं घरों को जलाने का विरोध में नाकाबंदी की गई थी। शीर्ष पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारीओं ने सीमावर्ती क्षेत्रों में शिविर स्थापन किया है। हालांकि मिजोरम पुलिस ने हाइलाकान्दी जिला प्रशासन के सर्कल अधिकारियों की यात्रा को रोका है, ऐसा आरोप मिला है।
असम-मिज़ोरम की सीमा के हाइलाकान्दी जिले के रामनाथपुर पुलिस थाने के अंतर्गत कचूरथल, झालनाछेड़़ा, गल्लाछेड़ा आदि इलाकों में हुई घटना के बाद धारा 144 सीआरपीसी को लागू कर दिया गया है। जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने कहा कि स्थिति से निपटने के लिए सुरक्षा बढ़ा दी गई है। नागरिक एवं पुलिस प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी स्थिति को सुधारने के लिए वहां शिविर कर रहे हैं। स्थिति तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रण में है।
इधर जिन ग्रामवासियों के घर जल गए हैं, उनके लिए इलाके में एक अस्थायी आश्रय स्थल बनाया गया है। यह पता चला है कि हाइलाकान्दी एवं कलाशिब जिलों के अधिकारियों ने सीमा मुद्दे पर क्षेत्र में स्थिति पंक्ति बनाए रखने के लिए सहमति व्यक्त की है। राइजर दल के महासचिव जहीर उद्दीन लस्कर ने घटनास्थल का दौरा करने के बाद पीड़ितों को तत्काल राहत देने की मांग की। उन्होंने बताया कि उपद्रवियों के खिलाफ रामनाथपुर थाने में एफआईआर दर्ज की गई है।
इसके अलावा काटलीछड़ा विधायक सुजाम उद्दिन लस्कर ने बुधवार को मुख्यमंत्री एवं असम के पुलिस महानिदेशक को ज्ञापन सौंपा जिसमें पड़ोसी राज्य से सशस्त्र आग्रासन से सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों के बीच सुरक्षा बढ़ाने के लिए तत्काल कदम उठाने का आग्रह किया है। विधायक ने बताया की मंगलवार को पड़ोसी राज्य के उपद्रवियों द्वारा लगभग 30 लोगों को गंभीर रूप से जख्मी कर दिया गया था और लगभग 50 घर जल गए थे। उल्लेखनीय है कि कचुरथल के मूलिया एलपी स्कूल में पिछले तीन फरवरी को उग्रवादियों ने बमबारी की थी।