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असम-मिजोरम सीमा विवाद समाधान करने के लिए केन्द्रीय गृह विभाग के संयुक्त सचिव मनीष तिवारी ने रविवार को लैलापुर सीआरपीएफ कैंप में दोनों राज्यों के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक की। यह बैठक दोपहर 12 बजे शुरू हुआ। बैठक के दौरान दोनों राज्यों के अधिकारियों ने केंद्रीय गृह विभाग के संयुक्त सचिव के सामने अपने विचार रखे।26 जुलाई की फायरिंग की घटना भी चर्चा में आई । घटना की जिम्मेदारी से बचने के लिए मिजो अधिकारियों ने आरोप लगाया कि असम पुलिस ने हमेशा की तरह पहली गोली चलाई। असम के अधिकारियों ने आरोपों से इनकार किया।
उस दिन दोनों राज्यों के अधिकारियों ने संयुक्त सचिव को विभिन्न मुद्दों से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि सीमा विवाद को केंद्र की मध्यस्थता से जल्द ही सुलझा लिया जाएगा। उन्होंने दोनों राज्यों की सीमाओं पर शांति और व्यवस्था बनाए रखने पर जोर दिया। संयुक्त सचिव ने दोनों राज्यों के अधिकारियों को फिर से सीमा के विवादित क्षेत्रों से 500 मीटर की दूरी बनाए रखने का निर्देश दिया। बैठक के बाद केंद्रीय संयुक्त सचिव ने उस जगह का निरीक्षण किया जहां 26 जुलाई को गोलीबारी हुई थी। बैठक में असम के तरफ से आईजीपी अनुराग अग्रवाल, डीआईजी देबजीत मुखर्जी, कछार की जिलाधिकारी कीर्ति जल्ली, पुलिस अधीक्षक रमनदीप कौर, सोनाई अंचल अधिकारी बिकाश छेत्री, धलाई थाना प्रभारी शहाब उद्दीन बरभुइयां और अन्य शामिल थे.
मिजोरम का प्रतिनिधित्व गृह सचिव बेनललेंगाइसाका, एडीडीएल सचिव भानलालमावविया, लालबियाकथांगा डीआईजी उत्तरी रेंज, कलाशिप जिला पुलिस अधीक्षक बेनलालफाका राल्ते और अन्य अधिकारियों ने किया। हालांकि, बैठक के फैसले के बारे में कुछ पता नहीं चला।