असम में चाय श्रमिकों की मजदूरी में 38 रु. की वृद्धि
असम में चाय श्रमिकों को एक समान मजदूरी मिले : राजदीप ग्वाला
प्रे.सं.शिलचर, २९ मई : गुवाहाटी में २८ मई को नवगठित चायश्रमिक मजदूरी निर्धारण समिति के साथ मुख्यमंत्री की बैठक में असम के चाय श्रमिकों की मजदूरी 38 रुपया बढ़ाने का निर्णय लिया गया। उक्त बैठक की जानकारी देते हुए बराक चाय श्रमिक युनियन के संयुक्त महासचिव और लखीपुर के पूर्व विधायक राजदीप ग्वाला ने बताया कि नई सरकार ने पिछली सरकार के निर्णय को रद्द करते हुए 38 रुपया मजदूरी बढ़ाने का सिद्धान्त लिया है, उक्त बैठक में सभी मजदूर संगठन और मालिक पक्ष के लोग भी उपस्थित थे।
उन्होंने बताया कि पिछली सरकार ने मजदूरी ५० रुपया बढ़ाने का निर्देश दिया था, जिसपर मालिक पक्ष के लोग हाईकोर्ट चले गये थे और इस निर्देश के खिलाफ स्थगनादेश ले लिया था। हाईकोर्ट ने कहा था कि जबतक निर्णय नहीं आता, तब तक श्रमिकों को राहत देने के लिए कुछ मजदूरी बढ़ाना चाहिए, इसपर मालिक पक्ष ने २६ रुपये की वृद्धि की थी। बराकघाटी के कुछ चाय बागानों ने १७१ रुपया देना भी शुरु किया था, हमने इसे स्वीकार किया था, क्योंकि स्वीकार नहीं करने से बाद में एरियर की समस्या आ जाती। अब जो निर्णय हुआ है, उसे लागू करने में एरियर की ज्यादा समस्या नहीं आएगी, अब १२ रुपये का ही एरियर पड़ेगा।
उन्होंने असम सरकार के निर्णय का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्वशर्मा से कहा कि असम में न्यूनतम मजदूरी जल्द से जल्द लागू की जाय, तथा पूरे असम में एक समान मजदूरी मिलना चाहिए, जितना ब्रह्मपुत्र उपत्यका के श्रमिकों को मिलता है, उतना ही अब बराकघाटी के चाय श्रमिकों को मिलना चाहिए। उल्लेखनीय है कि ब्रह्मपुत्र उपत्यका में मजदूरी १६७ रुपया और बराकघाटी में १४५ रुपया है, जो अब बढ़कर २०५ और १८३ रुपया हो जाएगा।
राजदीप ग्वाला ने सीएम को चाय बागान के संदर्भ में कोविड-19 वैक्सिनेशन के लिए एक ज्ञापन दिया। ज्ञापन में उन्होंने चाय श्रमिकों के लिए विशेष रुप से टेस्टिंग बढाने, सेनिटाइजेशन करने, वैक्सीनेशन कराने और बिना ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के वैक्सीन देने की मांग की। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया है कि चाय श्रमिकों के समान मजदूरी और वैक्सीनेशन दोनो विषय पर सरकार प्रयास करेगी।