गुवाहाटी, 14 अगस्त — प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा (ECCE) को लेकर असम में महत्वपूर्ण पहल की जा रही है। अम्बेडकर सोसाइटी ने राज्य में 5–6 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों के लिए पूर्व-प्राथमिक शिक्षा को मजबूत करने हेतु ‘बालबाटिका’ केंद्र स्थापित करने की दिशा में ठोस कदम उठाए हैं।
संविधान के अनुच्छेद 45 और शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 की धारा 11 के अनुरूप, ECCE प्रत्येक बच्चे का अधिकार है। भारत सरकार ने 2013 में राष्ट्रीय ECCE नीति को मंजूरी दी थी, जिसके तहत सरकार, निजी क्षेत्र और स्वयंसेवी संस्थाएं मिलकर इस योजना के क्रियान्वयन में भूमिका निभाती हैं।
अम्बेडकर सोसाइटी ने 7 सितंबर 2024 को केंद्रीय शिक्षा मंत्री जयंत चौधरी को परियोजना के समर्थन में अनुरोध पत्र सौंपा था। इसके बाद 24 अक्टूबर 2024 को शिक्षा मंत्रालय ने पूर्ण दस्तावेज 10 दिनों में जमा करने का निर्देश दिया। सोसाइटी ने पहले चरण में 14 जिलों से लगभग 11 हजार प्रशिक्षित शिक्षकों की सूची तैयार कर समय पर शिक्षा विभाग को सौंप दी है।
सोसाइटी के प्रमुख गियास उद्दीन लस्कर ने बताया कि कुछ लाभार्थियों के दस्तावेज अधूरे पाए गए हैं, जिन्हें समय पर पूरा न करने पर पहचान से वंचित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की मंजूरी के बाद सभी आवश्यक दस्तावेज सोसाइटी के कार्यालय में जमा करने होंगे।
राज्य शिक्षा नीति 2020 के तहत प्रत्येक प्राथमिक विद्यालय में ‘बालबाटिका’ केंद्र अनिवार्य किया गया है। लस्कर ने कहा कि असम, जो शिक्षा के क्षेत्र में अब तक पिछड़ा माना जाता रहा है, अब नई शिक्षा नीति के अनुरूप इस योजना को लागू करने वाला देश का पहला राज्य बनने जा रहा है।





















