गुवाहाटी, 03 मई (हि.स.)। असम में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधानसभा चुनाव में सहयोगियों के साथ मिलकर स्पष्ट जनादेश प्राप्त कर लिया है। चुनाव जीतने के बाद भी भाजपा की खुशी अभी तक साफ तौर पर दिखाई नहीं दे रही है। कारण पार्टी के अंदर मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर एक अंदरुनी तौर पर जंग जारी है।
मुख्यमंत्री की कुर्सी के मुख्य रूप से दो दावेदारों के बीच जमकर गुटबाजी चल रही है। भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व भी संभवतः इसके लिए जिम्मेदार दिखाई दे रहा है। कारण चुनावों के दौरान पार्टी नेतृत्व ने यह साफ नहीं किया था कि चुनाव जीतने के बाद मुख्यमंत्री की गद्दी कौन संभालेगा। वर्तमान मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल और पार्टी में दूसरे नंबर के नेता डॉ हिमंत विश्वशर्मा के बीच पिछली सरकारों में भी बराबर की सत्ता का संचालन करते देखा गया था। विपक्ष बार-बार यह आरोप लगाता रहा है कि असम में दो-दो मुख्यमंत्री हैं। चुनाव के बाद अभी तक न तो मुख्यमंत्री सोनोवाल ने अपना इस्तीफा दिया है और न ही पार्टी की ओर से कोई यह बताने के लिए सामने आ रहा है कि कौन राज्य की कमान संभालेगा। सभी वरिष्ठ नेता आला कमान की दुहाई देकर अपनी चुप्पी साध ले रहे हैं। यही कारण है कि मीडिया में मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर जमकर बहश हो रही है।
नेताओं की एक-एक गतिविधि की समीक्षा की जा रही है। कौन नेता मुख्यमंत्री सोनोवाल से मिल रहा है तो कौन डॉ विश्वशर्मा से मिल रहा है। भाजपा में साफ तौर पर दो खेमा दिखाई दे रहा है। सभी वरिष्ठ नेता डॉ विश्वशर्मा व सोनोवाल से बारी-बारी से मिल रहे हैं। मतगणना के बाद से सोनोवाल हों या डॉ विश्वशर्मा अभी तक किसी ने कुछ भी नहीं बोला है। जबकि, कुछ मीडिया चैनल डॉ विश्वशर्मा की ओर से जमकर लॉबिंग करने में जुट गये हैं। जबकि कुछ सहयोगी दलों के नेता भी दबी जुबान इस तरह के बयान दे रहे हैं, जिससे यह लग रहा है कि वे किसी एक खेमे को साफ तौर पर सपोर्ट कर रहे हैं।
इसी कड़ी में भाजपा के सहयोग से बीटीसी की सत्ता संभाल रही यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल (यूपीपीएल) के अध्यक्ष और बोडोलैंड टेरिटोरियल काउंसिल (बीटीसी) के मुख्य कार्यकारी सदस्य (सीईएम) प्रमोद बोडो ने सोमवार को कहा है कि वे असम के मुख्यमंत्री पद पर एक प्रगतिशील नेता चाहते हैं।
उन्होंने कहा, “मैं चाहता हूं कि हम सीएम के रूप में एक प्रगतिशील नेता चाहते हैं। असम में कई समस्याएं हैं। बोडो ने सोमवार को कहा कि एक प्रगतिशील नेता ही असम की समस्याओँ का समाधान कर सकत है। उन्होंने कहा कि अगले सीएम पर फैसला भाजपा को ही करना है।”
उन्होंने कहा, “भाजपा सीएम पद पर फैसला करेगी। भाजपा हमारा बड़ा भाई है। उनके पास हाईकमान है क्योंकि भाजपा एक राष्ट्रीय पार्टी है। बोरो ने आगे कहा, हम मुख्यमंत्री के मुद्दे पर किसी भी प्रकार का कोई हस्तक्षेप नहीं करेंगे। हालांकि उन्होंने प्रगतिशील नेता के नाम पर एक साइड जरूर ले लिया है।”