गुवाहाटी, असम में 29 जिलों के 21 लाख से अधिक लोग बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। राज्य के 3,208 गांवों में युद्ध स्तर पर राहत और बचाव कार्य किये जा रहे हैं। कुल 40 हजार से अधिक लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं। वहीं, प्रशासन द्वारा 247 राहत शिविर एवं 451 राहत वितरण केंद्र खोले गए हैं। इस वर्ष बाढ़ से मरने वालों की संख्या 62 पर पहुंच गई।
असम सरकार का फायर एंड एमरजैंसी सर्विस, एसडीआरएफ, एनडीआरफ के साथ ही जिला प्रशासन व्यापक पैमाने पर राहत व बचाव कार्य में जुटा हुआ है। मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा, जल संसाधन मंत्री पीयूष हजारिका समेत सरकार के कई मंत्री एवं विधायक राहत एवं बचाव कार्य की निगरानी में लगे हुए हैं।
इसी बीच मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को सोशल मीडिया के जरिए कहा, “मैंने डिब्रूगढ़ जिले के टेंगाखाट समेत कई स्थानों का दौरा किया। बाढ़ के कारण संपर्क बाधित हुआ है और घरों को नुकसान पहुंचा है। हम जल्द से जल्द संपर्क बहाल करने के लिए युद्ध स्तर पर काम कर रहे हैं। असम भर में जिला प्रशासन बाढ़ प्रभावित पीड़ितों को आपातकालीन राहत उपाय प्रदान करने के लिए लगन से काम कर रहे हैं।”
ग्वालपाड़ा में जिला आयुक्त सक्रिय रूप से आपातकालीन राहत प्रदान कर रहे हैं, जिसमें स्वास्थ्य जांच, शिशु आहार का वितरण और आवश्यक वस्तुओं की नियमित आपूर्ति शामिल है। राहत गतिविधियों के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने और किसी भी उभरती हुई ज़रूरत को तुरंत संबोधित करने के लिए अधिकारी नियमित रूप से साइट का दौरा कर रहे हैं।”