तिनसुकिया से ब्यूरो इन चीफ मनोज कुमार ओझा
तिनसुकिया,6 मार्च : असम विधानसभा चुनाव – 2021 ओपिनियन पोल की माने तो भारतीय जनता पार्टी एक बार फिर मार्जिनल जीत के साथ सत्ता में आ रही है.
रिपोर्ट्स के अनुसार, कई सर्वे बताते हैं बीजेपी की अगुआई वाला एनडीए गठबंधन भारी मतों से जीत दर्ज करेगा.2016 के असम विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी और इसके सहयोगी दलों ने 126 सीटों में से 86 सीटों पर विजय हासिल की थी.
उधर बीजेपी के असम प्रमुख रंजीत दास ने कहा कि चाय बागानों में काम करने वाले बहन -भाई भारतीय जनता पार्टी को ही वोट देंगे.
” हम तो अपना वोट भारतीय जनता पार्टी को ही देगा . कमल फूल हमलोग चाह बागान का आदमी लोग के लिए बहुत कुछ किया है. हमलोग का गांव -गांव में रोड बना दिया. बिजली लगा दिया. राशन टाइम से मिलता है, दरमा भी बढ़ा दिया.” तिनसुकिया के चायबागान में काम करने वाली चाय -कर्मी महिलाओ व पुरुषों ने शनिवार कि दोपहर प्रेरणा भारती से कहा.
बताते चलें कि राज्य के तीन करोड़ से ऊपर की आबादी का लगभग 18 प्रतिशत चाय जनजाति की आबादी है और इनमे भारतीय जनता पार्टी सरकार के कामों को लेकर संतोष है और भविष्य में भी इससे बहुत कुछ पाने की आशा रखते हैँ.
चाय जनजाति की ज्यादातर आबादी अपर असम में रहती है जहाँ चुनाव पहले चरण में 27 मार्च को होगी जिसमे अपर असम के 12 जिलों में चुनाव होगा.
पहले चरण में सोनीतपुर जिले के ढेकीजुली, बारछाला, तेज़पुर, रंगापारा और सूटीया में, बिश्वानाथ जिले के बिश्वानाथ, बेहली और गोहपुर में, लखीमपुर जिले केनाओबीचा, लखीमपुर, ढाकुखना, बिहपुरिया, ढिंग नगांव, बटदराबा, रूपोंहिहाट, समगुड़ी और कलिअबार में, गोलाघाट जिले के बोकाखाट, सरुपथार, गोलाघाट और खुमाती में, जोरहाट जिले के देरगांव, जोरहाट, तेओक, तीताबोर और मरिअनी में, शिवसागर जिले के अमगुड़ी, थोवरा, शिवसागर और नाज़िरा में, चराइदेव जिले के, माहमारा और सोनारी में डिब्रुगढ़ जिले के मोरान, डिब्रुगढ़, लाहोवाल, दुलीजन, टिंगखोग और चबुआ में, तिनसुकिया जिले के तिनसुकिया, दीगबोई, मारघेरिटा, दुमदुमा और सडिया में, माजुली जिले के माजुली में धेमाजी जिला के धेमाजी और जोनाई में होंगे.
पहले चरण में 47 सीटों के लिए चुनाव होगी जिसकी अधिसूचना 2 मार्च को जारी कर दी गई. नॉमिनेशन की अंतिम तारीख 9 मार्च है जिसकी जाँच 10 मार्च को की जाएगी.12 मार्च तक नॉमिनेशन वापस लिया जा सकेगा.
दूसरे चरण का चुनाव 1 अप्रैल को और तीसरे और अंतिम चरण का चुनाव 6 अप्रैल को होगा. चुनाव परिणाम 2 मई को घोषित होंगे.
चाय जनजाति की ही एक श्रमिक महिला से यह पूछने पर कि, ” क्या एनआरसी, कॉ कानून, महंगाई, किसान आंदोलन, बेरोजगारी उनके लिए कोई मुद्दा नहीं है ? “, उन्होंने बताया,” हमें तो कोई दिक्कत नहीं है, कभी हमें एनआरसी से परेशानी नहीं हुआ, सरकार जो भी कर रही है हमारे भले के लिए कर रही है. हमारे पास काम है, बीमार होने पर हॉस्पिटल में मुफ्त डॉक्टर्स और दवाइयां हैँ और सबसे बड़ी बात हमारे बच्चों के पढ़ने का अच्छा व्यवस्था भारतीय जनता पार्टी की असम सरकार ने कर रखी है. इसलिए मैं तो कमल छाप पर ही बटन दबाऊंगी. ”
बहरहाल, फील वक़्त तो अपर असम में मौसम का पारा लुढ़कने के बावजूद राजीनीति का पारा गर्म है और सभी दल चुनावी तैयारियों में व्यस्त हैं. अब यह तो दो मई को ही पता चलेगा की किसकी शह और किसकी मात होती है. चुनाचे, ग्राउंड जीरो रिपोर्ट में तो भाजपा का पलड़ा ही भारी पड़ता दिख रहा है.