गुवाहाटी, 07 फरवरी । असम विधानसभा में आज सत्ता पक्ष द्वारा कुल छह विधायक पेश किए गए। जबकि, प्रदूषण नियंत्रण से संबंधित एक प्रस्ताव ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। पेश किए गए विधेयकों में द शहीद कनकलता बरुवा स्टेट यूनिवर्सिटी बिल 2024, द कोकराझाड़ यूनिवर्सिटी बिल 2024, असम स्टेट स्कूल एजुकेशन बोर्ड बिल 2024, द देओरी ऑटोनॉमस काउंसिल अमेंडमेंट बिल 2024, द सोनोवाल कछारी ऑटोनॉमस काउंसिल अमेंडमेंट बिल 2024 तथा द तीवा ऑटोनॉमस काउंसिल अमेंडमेंट बिल 2024 शामिल हैं। ये सभी विधेयक राज्य के शिक्षा तथा जनजातीय कल्याण मंत्री डॉ. रानोज पेगू की ओर से राज्य के संसदीय कार्य मंत्री पीयूष हजारिका ने सदन में पेश किया। प्रत्येक बिल को सदन की अनुमति लेकर पेश किया गया।
इससे पूर्व आज असम विधानसभा के चालू बजट सत्र के तीसरे दिन सदन की कार्यवाही प्रश्नकाल से शुरू हुई। प्रश्नकाल में मंत्रियों ने सदस्यों के प्रश्नों के लिखित उत्तर देने के साथ ही पूरक प्रश्नों के उत्तर दिए। इसके बाद असम विधानसभा की प्रक्रिया और कार्य संचालन नियमावली 54 के तहत विधायक अमीनुल इस्लाम (कनिष्ठ) ने असम में 17 लाख लोगों के आधार कार्ड से वंचित रहने का मुद्दा उठाते हुए राज्य के गृह तथा राजनीतिक विभाग के मंत्री का ध्यान इस तरफ आकृष्ट कराने के लिए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लाया। इसके बाद नियमावली के 301 नंबर नियम के तहत विशेष प्रसंग उठाने के क्रम में विधायक अखिल गोगोई ने राज्य के पर्यटन से संबंधित विषय उठाया। इस पर चर्चा में कई विधायकों ने भाग लिया। पर्यटन मंत्री की ओर से राज्य के संसदीय कार्य मंत्री पीयूष हजारिका ने प्रश्नों के उत्तर दिये। इस उत्तर से संतुष्ट नहीं हुए विधायक अखिल गोगोई ने सदन में कुछ देर तक शोर-शराबा मचाया।
इसके बाद विधायक रूपक शर्मा द्वारा राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव सदन में पेश किया गया जिसका समर्थन विधायक सुशांत बरगोहाईं ने किया। धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में विधायक सुमन हरिप्रिया, अब्दुल बातेन खंडकार, भवेश कलिता, दुर्गादास बोड़ो, अमीनुल इस्लाम (कनिष्ठ), रकीबुल हुसैन पृथ्वीराज राभा, रामकृष्ण घोष, रूप ज्योति कुर्मी, डॉ. रफीकुल इस्लाम समेत कई विधायकों ने भाग लिया।
सदन की कार्यवाही के अंत में राज्य के वन एवं पर्यावरण मंत्री चंद्र मोहन पटवारी ने द वॉटर प्रीवेंशन एंड कंट्रोल ऑफ़ पॉल्यूशन एक्ट 1974 के संशोधन संबंधी एक प्रस्ताव पारित करने के लिए सदन की अनुमति मांगी। जिसे ध्वनिमत से सदन के पटल पर रखा गया। प्रस्ताव पर मामूली चर्चा के बाद इसे ध्वनिमत से पारित कर दिया गया।
इस प्रस्ताव के तहत यह प्रावधान है कि जल एवं वायु प्रदूषण संबंधी मामलों को अपराध की श्रेणी से हटा दिया गया है। अब जल तथा वायु प्रदूषण करने वालों को जुर्माना वसूलकर छोड़ दिया जाएगा।