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असम विश्वविद्यालय का 22वां दीक्षांत समारोह भव्य रूप से संपन्न, मुख्य अतिथि लेफ्टिनेंट जनरल साधना नायर ने छात्रों को किया प्रेरित

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शिव कुमार शिलचर, 17 फरवरी 2025 असम विश्वविद्यालय, शिलचर का 22वां दीक्षांत समारोह आज भव्य रूप से संपन्न हुआ। यह आयोजन नेताजी सुभाष मंच पर आयोजित किया गया, जिसमें विश्वविद्यालय के हजारों छात्र-छात्राओं, संकाय सदस्यों, अभिभावकों, शिक्षाविदों और विशिष्ट अतिथियों ने भाग लिया। समारोह के दौरान विभिन्न संकायों के मेधावी छात्रों को उपाधियाँ और पदक प्रदान किए गए, जिन्होंने अपने अध्ययन काल में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।इस अवसर पर छात्रों के लिए यह क्षण अत्यंत गौरवशाली रहा, क्योंकि उन्होंने अपनी शैक्षणिक यात्रा के सफल समापन पर विश्वविद्यालय से स्नातक, परास्नातक और शोध उपाधियाँ प्राप्त कीं। समारोह का माहौल अत्यंत उत्साहपूर्ण और प्रेरणादायक था, जिसमें छात्रों के साथ-साथ उनके माता-पिता और अभिभावकों के चेहरों पर भी खुशी और गर्व की झलक दिखाई दी।इस ऐतिहासिक अवसर पर विश्वविद्यालय ने भारत के प्रतिष्ठित सैन्य और शैक्षणिक जगत की जानी-मानी हस्तियों को आमंत्रित किया था। समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में लेफ्टिनेंट जनरल साधना एस. नायर, वीएसएम (महानिदेशक, चिकित्सा सेवा – सेना एवं वरिष्ठ कर्नल कमांडेंट, आर्मी मेडिकल कॉर्प्स, रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली) उपस्थित थीं।इस समारोह की अध्यक्षता एयर चीफ मार्शल (सेवानिवृत्त) श्री अरूप रहा, पीवीएसएम, एवीएसएम, वीएम, एडीसी ने की। उनके साथ विशिष्ट अतिथि एयर मार्शल (सेवानिवृत्त) श्री के.पी. नायर, एवीएसएम भी इस कार्यक्रम में उपस्थित थे।
इसके अलावा, असम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राजीव मोहन पंत, उनकी पत्नी श्रीमती पंत, कुलसचिव, प्रशासनिक अधिकारी, संकाय सदस्य, विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के प्रमुख, गौरवान्वित अभिभावक और सैकड़ों छात्र-छात्राएँ भी समारोह में सम्मिलित हुए।लेफ्टिनेंट जनरल साधना नायर, जो भारतीय सेना की चिकित्सा सेवा की महानिदेशक (DGMF) हैं, ने अपने प्रेरणादायक भाषण में छात्रों को मेहनत, अनुशासन और राष्ट्र सेवा की भावना को अपनाने के लिए प्रेरित किया।उन्होंने कहा:आज का दिन केवल आपके विश्वविद्यालय जीवन की समाप्ति नहीं, बल्कि आपके व्यावसायिक जीवन की शुरुआत है। अब आपको अपने ज्ञान और कौशल का उपयोग न केवल अपनी सफलता के लिए, बल्कि समाज और राष्ट्र की प्रगति के लिए भी करना होगा।उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि असली परीक्षा अब शुरू होती है। केवल डिग्री प्राप्त कर लेना पर्याप्त नहीं है, बल्कि यह भी महत्वपूर्ण है कि छात्र अपने चुने हुए क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करें और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए कार्य करें।उन्होंने सेना में चिकित्सा सेवा के क्षेत्र में अपने अनुभव साझा किए और बताया कि कैसे कड़ी मेहनत, समर्पण और अनुशासन व्यक्ति को ऊँचाइयों तक ले जा सकते हैं। उन्होंने छात्रों को यह संदेश दिया कि जीवन में सफलता पाने के लिए केवल शैक्षणिक उपलब्धियाँ ही नहीं, बल्कि मानवीय गुण, नैतिकता और समाज सेवा भी आवश्यक हैं।
इस समारोह की अध्यक्षता एयर चीफ मार्शल (सेवानिवृत्त) श्री अरूप रहा, पीवीएसएम, एवीएसएम, वीएम, एडीसी ने की। अपने संबोधन में उन्होंने छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि डिग्री प्राप्त करना मात्र एक उपलब्धि नहीं, बल्कि एक नई जिम्मेदारी की शुरुआत है।उन्होंने कहा:आप सभी के लिए यह एक ऐतिहासिक दिन है। यह प्रमाण पत्र केवल एक कागज़ का टुकड़ा नहीं, बल्कि आपके परिश्रम, लगन और तपस्या का प्रतीक है। लेकिन याद रखें, असली परीक्षा अब शुरू होती है। डिग्री प्राप्त करने के बाद आपको खुद को अपने क्षेत्र में साबित करना होगा।उन्होंने छात्रों को याद दिलाया कि उनकी सफलता केवल उनकी अपनी नहीं है, बल्कि यह उनके माता-पिता, शिक्षकों, समाज और देश की भी सफलता है। उन्होंने यह भी कहा कि एक सफल व्यक्ति बनने के लिए केवल शैक्षणिक उपलब्धि ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि एक अच्छा नागरिक और अच्छा इंसान बनना भी उतना ही आवश्यक है।
उन्होंने अपने सैन्य अनुभवों को साझा करते हुए यह बताया कि अनुशासन, ईमानदारी और समर्पण किसी भी क्षेत्र में सफलता की कुंजी होते हैं। उन्होंने लेफ्टिनेंट जनरल साधना नायर के साथ अपने पुराने सैन्य सहयोग को याद किया और यह बताया कि कैसे भारतीय सशस्त्र बलों में चिकित्सा सेवाओं का योगदान अविस्मरणीय रहा है।असम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजीव मोहन पंत ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि असम विश्वविद्यालय हमेशा ज्ञान के प्रचार और उन्नति की दिशा में कार्यरत रहा है। उन्होंने कहा:हमारा उद्देश्य केवल छात्रों को डिग्री प्रदान करना नहीं, बल्कि उन्हें एक ऐसा नागरिक बनाना है जो अपने ज्ञान और मूल्यों के माध्यम से समाज में सकारात्मक योगदान दे सके।उन्होंने छात्रों को सतत सीखते रहने और अपने ज्ञान का उपयोग समाज की भलाई के लिए करने की सलाह दी।समारोह में विभिन्न संकायों के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले छात्रों को स्वर्ण पदक और प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। इस अवसर पर विभिन्न शैक्षणिक और अनुसंधान कार्यों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को भी विशेष पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। इस भव्य आयोजन में उपस्थित सभी छात्रों और अभिभावकों ने इस अवसर को जीवनभर याद रखने वाला क्षण बताया। समारोह का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ, जिसके बाद छात्रों और उनके अभिभावकों ने एक-दूसरे को बधाई दी और इस ऐतिहासिक क्षण का जश्न मनाया। यह आयोजन असम विश्वविद्यालय के गौरव को और भी ऊँचाई तक ले जाने वाला सिद्ध हुआ।

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