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शिव कुमार शिलचर 27 फरवरी असम विश्वविद्यालय, शिलचर में इंटेलिजेंट सिस्टम्स, एडवांस्ड कंप्यूटिंग एंड कम्युनिकेशन (ISACC 2025) के तीसरे अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का भव्य शुभारंभ आज, 27 फरवरी 2025 (गुरुवार) को बिपिन चंद्र पाल सभागार में हुआ।इस प्रतिष्ठित सम्मेलन का आयोजन असम विश्वविद्यालय के कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग विभाग द्वारा किया गया है। यह सम्मेलन आईईईई (IEEE) द्वारा तकनीकी रूप से प्रायोजित है और इसमें दुनिया भर के शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं और तकनीकी विशेषज्ञों ने भाग लिया। इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन सत्र अत्यंत भव्य और ज्ञानवर्धक रहा, जिसमें विभिन्न विषयों पर चर्चाएँ हुईं। इस अवसर पर असम विश्वविद्यालय के कुलपति एवं ISACC 2025 के मुख्य संरक्षक प्रो. राजीव मोहन पंत ने सम्मेलन की अध्यक्षता की।इस महत्वपूर्ण अवसर पर आईआईएससी कैंपस, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडीज के नैसी सीनियर साइंटिस्ट एवं एडजंक्ट प्रोफेसर प्रो. ललित मोहन पटनायक मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। मुख्य अतिथि प्रो. ललित मोहन पटनायक ने अपने संबोधन में कहा, यह सम्मेलन असम विश्वविद्यालय और आईईईई के सहयोग से आयोजित किया गया है, जो एक प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय संस्था है। मैं 1970 के दशक से इसका सदस्य रहा हूं और इसका हिस्सा बनकर गर्व महसूस करता हूं। उन्होंने भारत में तकनीकी प्रगति और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के प्रभावों पर जोर देते हुए कहा,जब 1980 के दशक में कंप्यूटर भारत में आए, तो कई लोग चिंतित थे कि इससे नौकरियां खत्म हो जाएंगी। लेकिन हुआ इसका उल्टा—कंप्यूटर क्रांति ने भारत को आईटी क्षेत्र में वैश्विक शक्ति बना दिया। इसी तरह, आज कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और एडवांस्ड कंप्यूटिंग से नई नौकरियों और अवसरों का सृजन हो रहा है। उन्होंने क्वांटम कंप्यूटिंग और हाइब्रिड मॉडल की बढ़ती भूमिका पर भी चर्चा की और कहा कि आने वाले समय में हाइब्रिड कंप्यूटिंग का बड़ा प्रभाव होगा। सम्मेलन में गेस्ट ऑफ ऑनर प्रो. ध्रुब कुमार भट्टाचार्य ने कहा, सम्माननीय अतिथियों, मुझे इस उद्घाटन समारोह का हिस्सा बनने का अवसर देकर आप सभी ने सम्मानित किया है। असम विश्वविद्यालय द्वारा संगोष्ठियों और कार्यशालाओं के आयोजन में किए जा रहे कार्य सराहनीय हैं। उन्होंने बताया कि ISACC 2025 के इस तीसरे संस्करण को वैश्विक स्तर पर एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में मान्यता मिली है। इस बार 900 से अधिक प्रस्तुतियाँ प्राप्त हुईं, जिनमें से कठोर समीक्षा प्रक्रिया के बाद 220 से अधिक स्वीकृत की गईं। यह एक बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने बुद्धिमान प्रणालियों (इंटेलिजेंट सिस्टम्स) के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि स्वास्थ्य सेवा, कृषि, ऊर्जा प्रणालियों आदि में इंटेलिजेंट सिस्टम्स का उपयोग बहुत फायदेमंद हो सकता है। कृत्रिम बुद्धिमत्ता से न केवल ऑटोमेशन होगा, बल्कि जटिल समस्याओं के समाधान भी निकलेंगे।उन्होंने कहा कि वैश्विक विज्ञान रिपोर्ट इस तथ्य की पुष्टि करती है कि भारत इस क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति कर रहा है और अब विश्व स्तर पर शीर्ष पाँच देशों में शामिल है। खासकर महिला वैज्ञानिकों ने इस क्षेत्र में शानदार योगदान दिया है, जो एक सकारात्मक संकेत है।सम्मेलन में गेस्ट ऑफ ऑनर एवं अकादमी ऑफ रोमानियन साइंटिस्ट्स, रोमानिया की प्रोफेसर एवं ISACC 2025 की जनरल को-चेयर प्रो. वेलेंटिना एमिलिया बालास ने कहा,मैं यहां आकर बहुत प्रसन्न हूं और आयोजकों का आभार व्यक्त करती हूं। इस सम्मेलन में प्रस्तुत शोध-पत्रों की गुणवत्ता और विषय वस्तु अत्यंत प्रभावशाली है।उन्होंने बताया कि आईटी और पावर इलेक्ट्रॉनिक्स (PE) के क्षेत्र में शोध और विकास कार्य हो रहे हैं। उन्होंने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के वैश्विक नीतिगत प्रभावों पर चर्चा करते हुए कहा,यूरोप में 60,000 से अधिक आईईईई (IEEE) सदस्य हैं और 2021 में हमने एआई अनुप्रयोगों पर 121 पृष्ठों का एक महत्वपूर्ण दस्तावेज तैयार किया।उन्होंने कहा,भारत के शोधकर्ताओं को भी वैश्विक नीतियों को समझना चाहिए और प्रमाणित स्रोतों से जानकारी प्राप्त करनी चाहिए। असम विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राजीव मोहन पंत ने अपने संबोधन में कहा,हमें इस क्षेत्र में लीड लेने की जरूरत है, जिससे नई संभावनाओं के द्वार खुलेंगे।उन्होंने कहा,राजीव गांधी के प्रधानमंत्री कार्यकाल में कंप्यूटर क्रांति आई थी। तब भी यही चिंता थी कि नौकरियां खत्म होंगी, लेकिन हुआ इसका उल्टा। इसी तरह, आज कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) सेमीकंडक्टर और अन्य नई तकनीकों से नई नौकरियों और अवसरों का सृजन होगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हर तकनीकी बदलाव के साथ रोजगार पर असर पड़ता है, लेकिन यह सकारात्मक होता है। जरूरी यह है कि हम बदलते समय के हिसाब से खुद को तैयार करें।
इस मौके पर तेजपुर विश्वविद्यालय के कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर ध्रुब कुमार भट्टाचार्य, असम विश्वविद्यालय के त्रिगुणा सेन स्कूल ऑफ टेक्नोलॉजी के डीन एवं ISACC 2025 के संरक्षक प्रो. देबप्रसाद दास भी उपस्थित रहे।
आयोजन समिति के अध्यक्ष डॉ. मौसुम हैंडिक और सम्मेलन के जनरल चेयर प्रो. सुदीप्त रॉय ने सभी गणमान्य अतिथियों एवं प्रतिभागियों का स्वागत किया।यह दो दिवसीय सम्मेलन 28 फरवरी 2025 को समापन के साथ संपन्न होगा, जिसमें विभिन्न शोध पत्रों की प्रस्तुतियाँ, कार्यशालाएँ और विशेषज्ञों के व्याख्यान होंगे।





















