सोमवार को हमारे संपादक श्रीमती सीमा कुमार और वरिष्ठ पत्रकार दिलीप कुमार ने असम विश्वविद्यालय के नवनियुक्त कुलपति प्रोफेसर राजीव मोहन पंत के साथ मुलाकात की। 36 साल का अनुभव रखने वाले, विनम्र स्वभाव के प्रोफेसर पंत ने अपने शैक्षिक जीवन में विभिन्न दायित्व का निर्वाह किया है, पर्याप्त प्रशासनिक अनुभव है। उत्तराखंड और बिहार में शिक्षा प्राप्त किए। झारखंड अरुणाचल और असम में कार्य किया। असम विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में उनके चयन का चारों तरफ से स्वागत हो रहा है। प्रस्तुत है, उनसे बातचीत का संक्षिप्त विवरण:
शिलचर आकर बहुत अच्छा लगा और विश्वविद्यालय में आकर आशा से भी ज्यादा अच्छा लगा। बहुत पहले एक बार आया था तब से आज में काफी फर्क दिख रहा है। विश्वविद्यालय के शिक्षक अधिकारी और कर्मचारियों से मिलकर लगा कि यहां पोटेंशियल बहुत है और काफी प्रगति हो सकती है। उन्होंने कहा कि बराक की संस्कृति बड़ी समृद्ध है, हम इंडीजीनस नॉलेज सिस्टम (आई के एस) का गठन करेंगे। डीमासा और सभी मूल लोगों की संस्कृति परंपरा को भी सामने लाना है। परंपरागत ज्ञान वैज्ञानिक होता है, इससे हम स्थानीय संस्कृति को समृद्ध करेंगे। उन्होंने कहा कि असम विश्वविद्यालयों से जुड़े महाविद्यालय और अन्य महाविद्यालयों को भी श्रेष्ठतम बनाने की कोशिश करेंगे। विश्वविद्यालय के स्तर को ऊंचा करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। विश्व विद्यालय के शिक्षक शिक्षक सभी के साथ मिलकर विश्वविद्यालय का स्तर सुधारेंगे। इसके लिए मीडिया का भी सहयोग जरूरी है।
केवल विश्वविद्यालय तक सीमित ना रहकर, रूरल टेक्नोलॉजी पार्क बनाएंगे। स्किल डेवलपमेंट करेंगे, चाय जनगोष्टी और जो भी यहां शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़े हैं, उनके लिए भी काम करेंगे। केंपस सिलेक्शन को बढ़ाने के लिए एक टीम बनाएंगे और इस पर भी काम करेंगे, कैरियर काउंसलिंग, कम्युनिकेशन स्किल बढ़ाने पर जोर देंगे। हमारे पास 48 विभाग है, हर विभाग से कुछ नया करने के लिए योजना बनाएंगे। और भी नए-नए उच्च शिक्षा के रास्ते तलाशेंगे। उन्होंने आशा व्यक्त किया कि विश्वविद्यालय की उन्नति के लिए उन्हें हर तरफ से सहयोग मिलेगा।