फॉलो करें

असम विश्वविद्यालय में हॉस्पिटैलिटी और पर्यटन शिक्षा पर छह दिवसीय ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफल आयोजन

169 Views

शिलचर, 26 अप्रैल: असम विश्वविद्यालय, शिलचर के हॉस्पिटैलिटी और पर्यटन प्रबंधन विभाग ने मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र (एमएमटीटीसी) के सहयोग से “हॉस्पिटैलिटी और पर्यटन शिक्षा में उत्कृष्टता को बढ़ावा: रुझान, तकनीक और स्थिरता” विषय पर 21 से 26 अप्रैल 2025 तक छह दिवसीय ऑनलाइन अल्पकालिक प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफलतापूर्वक आयोजन किया।

कार्यक्रम का उद्घाटन 21 अप्रैल को एक प्रेरक सत्र के साथ हुआ, जिसमें एमएमटीटीसी के उपनिदेशक प्रो. अजय कुमार सिंह ने प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए पर्यटन शिक्षा में नवीनतम रुझानों, तकनीक और स्थिरता के समावेशन पर विचार साझा किए। कुलपति प्रो. राजीव मोहन पंत ने कार्यक्रम के सामयिक महत्व की सराहना करते हुए असम विश्वविद्यालय को पूर्वोत्तर भारत में नवोन्मेषी पर्यटन अनुसंधान का केंद्र बनाने की अपनी परिकल्पना प्रस्तुत की। जवाहरलाल नेहरू स्कूल ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज के डीन प्रो. एच. रमानंदा सिंह ने प्रबंधन शिक्षा को उद्योग-अकादमी सहयोग एवं उद्यमिता विकास का आधार बताया।

हॉस्पिटैलिटी और पर्यटन प्रबंधन विभागाध्यक्ष डॉ. संजीव कुमार सक्सेना ने वैश्विक मानकों पर आधारित कौशल-प्रधान शिक्षा की प्रतिबद्धता व्यक्त की। एमएमटीटीसी के निदेशक प्रो. आर. बालकृष्णन ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप शिक्षक प्रशिक्षण को सुदृढ़ करने और ब्लेंडेड लर्निंग को बढ़ावा देने पर बल दिया। कार्यक्रम समन्वयक डॉ. के. एन. लोकेश कुमार ने भारत भर से पंजीकृत 130 से अधिक प्रतिभागियों और सभी वक्ताओं का आभार व्यक्त किया।

छह दिवसीय इस कार्यक्रम के दौरान प्रतिष्ठित शिक्षाविदों और उद्योग विशेषज्ञों द्वारा कुल 24 विशेषज्ञ सत्र आयोजित किए गए। प्रमुख सत्रों में प्रो. सुशांत कुमार मिश्रा (नालंदा विश्वविद्यालय) का “अतिथि देवो भव बनाम पधारो म्हारे देश” पर अंतःसंस्कृति विश्लेषण, डॉ. दिलीप कुमार दास (बर्दवान विश्वविद्यालय) का अनुभव आधारित पर्यटन शिक्षा पर व्याख्यान, और श्री मनु नरंग (प्राचार्य, जेएचटीसी, आगरा) द्वारा खाद्य एवं पेय संचालन में नवाचार की व्याख्या शामिल रहे।

डॉ. सुनयना (जामिया मिल्लिया इस्लामिया) ने हॉस्पिटैलिटी और पर्यटन में उभरते रुझानों पर विस्तृत चर्चा की। वहीं प्रो. मुकेश चंसोरिया ने पर्यटन शिक्षा की भविष्य संभावनाओं पर, प्रो. रणबीर सिंह (हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय) ने पर्यटन अनुसंधान में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग पर और डॉ. संजीव कुमार सक्सेना ने भारतीय ज्ञान प्रणाली (IKS) के एकीकरण पर अपने विचार प्रस्तुत किए।

प्रो. श्राबंती माइती (विद्यासागर विश्वविद्यालय) ने पर्यटन, आजीविका और पर्यावरणीय स्थिरता के संबंधों पर चर्चा की, जबकि डॉ. जी. महेंद्र रेड्डी (कर्नाटक केंद्रीय विश्वविद्यालय) ने स्थिरता एवं तकनीकी नवाचार हेतु उद्योग-शिक्षा साझेदारी की संभावनाओं पर प्रकाश डाला।

अन्य उल्लेखनीय सत्रों में प्रो. निमित रंजन चौधरी (जामिया मिल्लिया इस्लामिया) का शिक्षा पारिस्थितिकी तंत्र के विकास पर, प्रो. सारा हुसैन का वैश्विक पर्यटन चर्चाओं पर और डॉ. सौमेंद्र नाथ विश्वास (असम विश्वविद्यालय) का पर्यटन विकास में सरकार की भूमिका पर व्याख्यान प्रमुख रहे।

डॉ. पी.डी. लाखावत (निदेशक, एनसीएचएमसीटी) ने हॉस्पिटैलिटी प्रशिक्षण में डेटा एनालिटिक्स और गेमिफिकेशन के बढ़ते उपयोग पर जानकारी दी, जबकि प्रो. पूर्णचंद्र राव (आचार्य नागार्जुन विश्वविद्यालय) ने भारत में पर्यटन शिक्षा के विकास पर सारगर्भित प्रस्तुति दी।

कार्यक्रम का समापन औपचारिक धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिसमें प्रो. आर. बालकृष्णन, प्रो. अजय कुमार सिंह, डॉ. संजीव कुमार सक्सेना और डॉ. के. एन. लोकेश कुमार ने सभी प्रतिभागियों, वक्ताओं और आयोजन समिति के सदस्यों को इस आयोजन को सफल बनाने हेतु धन्यवाद ज्ञापित किया।

Share this post:

Leave a Comment

खबरें और भी हैं...

लाइव क्रिकट स्कोर

कोरोना अपडेट

Weather Data Source: Wetter Indien 7 tage

राशिफल