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शिलचर, 21 अगस्त 2025: असम विश्वविद्यालय, शिलचर के राजभाषा प्रकोष्ठ द्वारा “प्रशासन एवं राजभाषा हिंदी” विषय पर एक हिंदी कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का उद्देश्य विश्वविद्यालय के प्रशासनिक कार्यों में हिंदी के उपयोग को बढ़ावा देना और राजभाषा नीति के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करना था। इस चर्चा में जो प्रतिभागी थे वह असम विश्वविद्यालय के नवनियुक्त कर्मचारी एवं अधिकारी थे।
कार्यशाला का उद्घाटन विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ राजीव मोहन पंत ने किया। अपने उद्घाटन भाषण में उन्होंने हिंदी को प्रशासनिक कार्यों में अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि राजभाषा हिंदी न केवल संवैधानिक दायित्व है, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक पहचान को भी मजबूत करती है।
कार्यशाला में मुख्य वक्ता के रूप में नरकास सिलचर के सदस्य सचिव डॉ सौरभ वर्मा ने “प्रशासन में हिंदी: चुनौतियां और समाधान” पर विस्तृत प्रस्तुति दी। उन्होंने कंठस्थ 2.0 जैसे राजभाषा उपकरणों और कम्प्यूटर पर हिंदी के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए किए जा रहे प्रयासों पर प्रकाश डाला। इसके अतिरिक्त, प्रतिभागियों को राजभाषा नियमों, अधिनियमों और नीतियों की जानकारी दी गई। कार्यशाला में विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के कर्मचारियों और डॉ प्रदोष किरण नाथ कुलसचिव असम विश्वविद्यालय, पृथ्वीराज गोआला, मिली रानी पॉल, संतोष गोआला समेत अधिकारियों ने भाग लिया।
राजभाषा प्रकोष्ठ के समन्वयक ने कार्यशाला के समापन पर धन्यवाद ज्ञापन किया और सभी प्रतिभागियों से आह्वान किया कि वे अपने दैनिक कार्यों में हिंदी का अधिक से अधिक उपयोग करें। कार्यशाला का संचालन असम विश्वविद्यालय के हिंदी अधिकारी डॉ सुरेंद्र उपाध्याय ने किया।
यह आयोजन राजभाषा हिंदी के प्रति जागरूकता बढ़ाने और प्रशासनिक कार्यों में इसके उपयोग को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।





















