फॉलो करें

आख़िरी बस

277 Views
रात के नौ बजे के बाद कोलकाता की सड़कें धीरे-धीरे सुनसान होने लगती हैं। दिनभर की भीड़-भाड़ थम जाने के बाद शहर जैसे थककर सो जाता है।
इसी वक़्त काशीशपुर मोड़ पर अरिंदम बस का इंतज़ार कर रहा था—सरकारी दफ़्तर का एक साधारण क्लर्क। रोज़ की तरह आज भी काम के बोझ से देर हो गई थी। उसे मालूम था कि रात नौ बजे के बाद उसके इलाक़े की ओर केवल एक ही बस जाती है। अगर वह छूट गई तो घर पहुँचने के लिए ऑटो लेना पड़ेगा, और उसका किराया जेब पर भारी पड़ता है।
इसी बीच उसकी नज़र सामने खड़ी एक बुज़ुर्ग महिला पर पड़ी। फटी साड़ी, हाथ में पुराना थैला, चेहरा बेहद थका हुआ। वह धीरे से अरिंदम के पास आई और बोली—
“बाबा, ये बस क्या जगदीशपुर जाएगी?”
अरिंदम ने सिर हिलाकर कहा, “हाँ दादी, यही आख़िरी बस है।”
इतने में बस आ गई। लोग धक्का-मुक्की करते हुए चढ़ने लगे। अरिंदम भी चढ़ने ही वाला था कि उसने देखा—बुज़ुर्ग महिला भीड़ में पाँव रखने की कोशिश कर रही है, लेकिन बार-बार पीछे धकेली जा रही है। अरिंदम ने बिना सोचे-समझे उनका हाथ पकड़कर उन्हें बस में चढ़ा दिया।
भीड़ के बीच खड़ी महिला बार-बार कह रही थी—
“बाबा, अगर तुम न होते तो मैं बस में चढ़ ही नहीं पाती।”
कुछ देर बाद अरिंदम ने पूछा,
“आप इतनी रात को अकेली कहाँ जा रही हैं?”
महिला मुस्कुराकर बोली,
“नातिन के घर। वह बीमार है। मुझे पहुँचना बहुत ज़रूरी था। लेकिन पैसे कम थे, टैक्सी नहीं ले पाई।”
अरिंदम समझ गया कि उनके पास बस का पूरा किराया भी नहीं है। उसने चुपचाप अपनी जेब से एक अतिरिक्त टिकट खरीदा और उन्हें पकड़ा दिया।
महिला ने पहले लेने से मना किया, बोली—
“नहीं बेटा, मैं तुम्हारा कर्ज़ नहीं लेना चाहती।”
अरिंदम हल्की मुस्कान के साथ बोला—
“कर्ज़ मत समझिए दादी, इसे मेरी माँ के लिए कृतज्ञता समझ लीजिए।”
महिला चुप हो गई। खिड़की से बाहर भागते अँधेरे-उजाले को देखते हुए बस अपनी मंज़िल की ओर बढ़ती रही।
स्टॉप आने पर महिला उतरने लगी। उतरते-उतरते उसने अरिंदम का हाथ कसकर थाम लिया। उसकी आवाज़ काँप रही थी—
“बेटा, तुम हमेशा सुखी रहो। याद रखना, आख़िरी बस हर किसी को उसकी मंज़िल तक पहुँचा ही देती है।”
अरिंदम चुप रहा, बस मुस्कुरा दिया। उस रात घर पहुँचकर देर तक खिड़की के पास बैठा रहा। अचानक उसे महसूस हुआ—शायद ज़िंदगी भी एक आख़िरी बस जैसी है। भीड़, थकान और देर—सब कुछ के बावजूद जो हाथ हमें सहारा देता है, वही हमें हमारी असली मंज़िल तक पहुँचाता है।
सेख सैफुद्दीन जमादार
3rd semester BBA
Govt first grade college K R Pura Bangalore-36

Share this post:

Leave a Comment

खबरें और भी हैं...

लाइव क्रिकट स्कोर

कोरोना अपडेट

Weather Data Source: Wetter Indien 7 tage

राशिफल