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आजादी के 78 वर्ष बाद भी विकास की कोई चिन्ह नहीं,बड़खोला का भोलानाथपुर गांव।

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 चंद्र शेखर ग्वाला  बड़खोला 13 सितंबर :—- कछाड़ जिले के बड़खोला विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत छोटा दूधपातील और हातिछरा गांव पंचायत के बीच  भोलेनाथ पुर गांव स्थित है। यहां के ज्यादातर लोग मछली पकड़ने पर निर्भर हैं। चूँकि पूरा गाँव बारिष के पानी में डूबा हुआ है, इसलिए स्थानीय लोगों को विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। सड़क नहीं होने के कारण बच्चों सहित गांव के लोगों को अत्यधिक कठिनाई में रहना पड़ता है। आजादी के 78 वर्ष बाद भी यह गांव विकास से अछूता है। वर्षाकाल में पूरा क्षेत्र एक नदी का आकार ले लेता है। परिणामस्वरूप, स्थानीय लोगों को नाव पर विभिन्न दैनिक कार्य करने पड़ते हैं। शुक्रवार को क्षेत्र का बेबस लोगों बातचीत में पता चला कि बाढ़ के बाद भी उन्हें बांस के पुल से होकर आवागमन करना पड़ रहा है। गांव का अधिकांश हिस्सा पानी में डूबा होने के कारण स्कुली बच्चों समय पर स्कूल नहीं आ पाते। परिणामस्वरूप, उनकी शिक्षा अब सवालों के घेरे में है। अभिभावकों को भी विद्यार्थियों के भविष्य निर्माण की चिंता सता रही है। हालांकि गांव में एक पुल है, लेकिन वह भी आधा-अधूरा बना हुआ है। जिससे छात्र-छात्राओं सहित क्षेत्र के लोगों को आवागमन में काफी परेशानी झेलनी पड़ती है। गांव के लोगों ने इस मुद्दे पर प्रशासन और स्थानीय  विधायक मिसबाहुल इस्लाम से कइ बार बात किया, ज्ञापन दिया परंतु अब तक कुछ नहीं हुआ। हालांकि वर्तमान सरकार सड़कों के विकास के लिए विभिन्न योजनाएं चला रही है, लेकिन बड़खोला का भोलानाथपुर गांव के जनता की नसीब में अबतक सड़क,पुल, पीने का पानी नहीं जुटा। इस दिन क्षेत्र के प्रभावित लोगों ने छात्रों के साथ मिलकर क्षेत्र में आधे-अधूरे पुलों के साथ-साथ सड़कों के शीघ्र निर्माण की मांग करते हुए असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्वशर्मा से हस्तक्षेप की मांग की।

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