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आत्मनिर्भर भारत के लिए स्मार्ट गांव भी बनाना होगा, एनआईटी शिलचर में दो दिवसीय सम्मेलन शुरु

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यशवंत पांडेय शिलकुड़ी 26 मार्च। एनआईटी सिलचर में नवाचार और उद्यमिता पर दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी शुरू हुई है। एनआईटी शिलचर के लाईब्रेरी के सम्मेलन कक्ष में अम्ट्रान असम, असम स्टार्टअप और आईईई कॉमसोक कोलकाता चैप्टर और एनआईटी शिलचर के संयुक्त तत्वाबधान में आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में एनआईटी राउरकेला के निदेशक प्रोफेसर के उमामहेश्वर राव, विशिष्ट अतिथि एनआईटी शिलचर के निदेशक प्रोफेसर रजत गुप्त, रजिस्ट्रार के. एल वैष्णव, अमत्रन असम के श्यामल भुइयां, पद्मश्री प्रोफेसर अनिल गुप्ता, ऑस्ट्रेलिया से ऑनलाइन जीनत गोर्जला, डॉ. राजा पी पोप्पू, डॉ. विभूति आर भट्टाचार्य, तीर्थंकर देव, कार्यक्रम के संयोजक वासीम आरिफ मौजूद थे।

 संगोष्ठी के उद्घाटन समारोह में एनआईटी के निदेशक प्रोफेसर रजत गुप्ता सहित विभिन्न वक्ताओं ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के सपने को पूरा करने के लिए स्मार्ट शहरों के साथ-साथ स्मार्ट गावों का निर्माण करना होगा। जब तक गांव के लड़के और लड़कियां आत्मनिर्भर नहीं होंगे तब तक आत्मनिर्भर भारत संभव नहीं है, इसलिए एनआईटी शिलचर गांव के लड़के और लड़कियों के बीच कौशल विकास के लिए विभिन्न कार्यशालाओं, प्रशिक्षण और जागरूकता पर काम कर रहा है। इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्टार्टअप कैसे तैयार हो रहे हैं, इस पर अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों के साथ सेमिनार किया जा रहा है। एनआईटी शिलचर भारत को शीर्ष पर ले जाने के लिए लगातार काम कर रहा है।

 दो दिवसीय संगोष्ठी के समन्वयक डॉ. वासीम आरिफ ने संवाददाताओं से कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य एनआईटी शिलचर परिसर समेत पूर्वोत्तर भारत में असम की बराक घाटी में अपनी खुद की लचीलापन और स्थिरता का निर्माण करना है। असम या अन्य जो भी राज्य है जिनके पास अपना स्टार्टअप बनाने की नीति है। हम भारत सरकार की विभिन्न परियोजनाओं की देखरेख में उस नीति तहत विभिन्न कार्यशालाओं या सेमिनारों का आयोजन करते रहे हैं।

 हमारे इस दो दिवसीय कार्यक्रम में देश-विदेश के ऑफलाइन और ऑनलाइन वक्ता अपने विचारों का आदान-प्रदान कर रहे हैं। आज के सेमिनार में विशेष वक्ता के रूप में ऑस्ट्रेलिया से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जीनत गोरजाला, तुर्की से प्रो. अर्नव बसु, हमारे शिलचर के रहनेवाले अमेरिका के अमेज़ॅन में काम करनेवाले तीर्थंकर देव विशेष वक्ता के रूप में उपस्थित थे।

डॉ वसीम आरिफ ने कहा, हम छोटे-छोटे सेमिनार, वर्कशॉप और जागरुकता बैठकें आयोजित कर रहे हैं ताकि छात्र समेत सभी जागरूक हों और हर कोई खुद को तैयार करे। जो छात्र आज 22 वर्ष के हैं वे हमारा भविष्य हैं, वे ही एक दिन आत्मनिर्भर भारत के सपने को पूरा करेंगे। हमारे इस इंटरनेशनल सेमिनार के जरिए विदेशों में कैसे स्टार्टअप हो रहे हैं इसको भी जानने का प्रयास कर रहे हैं । उन्होंने कहा कि इस तरह का सेमिनार आने वाले दिनों में भी एनआईटी सिलचर द्वारा आयोजित किया जाएगा।

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