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आध्यात्मिक चेतना के कालजयी ग्रन्थ द्वादश ज्योतिर्लिंग महिमा का लोकार्पण उज्जैन में सम्पन्न (शिलचर सुषमा पारख को महाकाल साहित्य सम्मान से अलंकृत किया गया)

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अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हिन्दी साहित्य के प्रचार प्रसार के लिये समर्पित संस्था शब्द सृजन संस्थान (पंजी.)के द्वारा  25 नवम्बर शनिवार को महाकालेश्वर की पावन भूमि पर  स्थित महाकाल भक्त निवास के भव्य आडिटोरियम में महाकाल साहित्य उत्सव मनाया गया  जिसके अन्तर्गत प्रथम सत्र में द्वादश ज्योतिर्लिंग महिमा काव्य ग्रन्थ का लोकार्पण किया गया। देश के  विभिन्न राज्यों से आये लगभग चार दर्जन सहभागी रचनाकारों को महाकाल साहित्य सम्मान से अलंकृत किया गया। त्रयम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग पर लिखी रचना के कारण असम शिल्चर में सुषमा को महाकाल साहित्य सम्मान से सम्मानित किया गया।
कालिदास साहित्य अकादमी ,उज्जैन के निदेशक  एवं कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ गोविन्द गन्धे ने इस ग्रन्थ को सनातन संस्कृति के पुनर्जागरण के कालजयी ग्रन्थ की संज्ञा दी और कहा कि शब्द सृजन संस्थान द्वारा किये जा रहे सृजनात्मक  सत्प्रयास अभिनन्दन के योग्य हैं।  कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे संस्कृत शासकीय महाविद्यालय के आचार्य डॉ सदानन्द त्रिपाठी  ने कहा कि द्वादश ज्योतिर्लिंग पर एक ग्रन्थ में काव्य मय रचनाओं को एकत्र कर  शब्द सृजन संस्थान ने श्लाघनीय कार्य किया है। निर्वाणी अखाड़ा के पूज्य महंत विनीत गिरि जी महाराज के प्रतिनिधि आचार्य पंडित रमाकांत पुरोहित जी ने अपने आशीर्वाद से संस्था को अभिसिंचित करते हुए शब्द सृजन संस्थान के कार्यों की सराहना करते हुए  द्वादश ज्योतिर्लिंग महिमा को अभूतपूर्व ग्रन्थ बताया। द्वादश ज्योतिर्लिंग महिमा काव्य ग्रन्थ का सम्पादन संस्था के अध्यक्ष डॉ राजीव कुमार पाण्डेय और महासचिव डॉ ओंकार त्रिपाठी ने किया। आध्यात्मिक चेतना के कालजयी ग्रन्थ द्वादश ज्योतिर्लिंग महिमा का लोकार्पण उज्जैन में सम्पन्न (सिलचर सुषमा को महाकाल साहित्य सम्मान से अलंकृत किया गया)
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हिन्दी साहित्य के प्रचार प्रसार के लिये समर्पित संस्था शब्द सृजन संस्थान (पंजी.)के द्वारा  25 नवम्बर शनिवार को महाकालेश्वर की पावन भूमि पर  स्थित महाकाल भक्त निवास के भव्य आडिटोरियम में महाकाल साहित्य उत्सव मनाया गया  जिसके अन्तर्गत प्रथम सत्र में द्वादश ज्योतिर्लिंग महिमा काव्य ग्रन्थ का लोकार्पण किया गया। देश के  विभिन्न राज्यों से आये लगभग चार दर्जन सहभागी रचनाकारों को महाकाल साहित्य सम्मान से अलंकृत किया गया।
कालिदास साहित्य अकादमी ,उज्जैन के निदेशक  एवं कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ गोविन्द गन्धे ने इस ग्रन्थ को सनातन संस्कृति के पुनर्जागरण के कालजयी ग्रन्थ की संज्ञा दी और कहा कि शब्द सृजन संस्थान द्वारा किये जा रहे सृजनात्मक सत्प्रयास अभिनन्दन के योग्य हैं।  कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे संस्कृत शासकीय महाविद्यालय के आचार्य डॉ सदानन्द त्रिपाठी  ने कहा कि द्वादश ज्योतिर्लिंग पर एक ग्रन्थ में काव्य मय रचनाओं को एकत्र कर  शब्द सृजन संस्थान ने श्लाघनीय कार्य किया हैनिर्वाणी अखाड़ा के पूज्य महंत विनीत गिरि जी महाराज के प्रतिनिधि आचार्य पंडित रमाकांत पुरोहित जी ने अपने आशीर्वाद से संस्था को अभिसिंचित करते हुए शब्द सृजन संस्थान के कार्यों की सराहना करते हुए  द्वादश ज्योतिर्लिंग महिमा को अभूतपूर्व ग्रन्थ बताया। द्वादश ज्योतिर्लिंग महिमा काव्य ग्रन्थ का सम्पादन संस्था के अध्यक्ष डॉ राजीव कुमार पाण्डेय और महासचिव डॉ ओंकार त्रिपाठी ने किया। कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलित कर किया।  सभी अतिथियों को अंगवस्त्र माला,श्रीफल, स्मृति चिह्न देकर  स्वागत व अभिनन्दन किया गया।
द्वादश ज्योतिर्लिंग महिमा ग्रन्थ में जिन रचनाकारों की रचनाएं प्रकाशित हुई हैं, उन्हें संस्था की ओर से महाकाल साहित्य सम्मान से अलंकृत करते हुए शॉल, स्मृति चिन्ह, माला, पुस्तक और सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया गया। एक दिवसीय महाकाल साहित्य उत्सव  में ग्रन्थ का लोकार्पण ,सम्मान समारोह और कवि सम्मेलन आयोजित किया गया।  इस अवसर पर अन्य रचनाकारों की किताबें भी लोकार्पित की गईं। इस समारोह को सफल बनाने में संस्था के उपाध्यक्ष राजकुमार छापड़िया , सचिव ब्रज माहिर, कार्यकारी सदस्य रजनीश स्वच्छंद, हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष रचना गोयल, दिल्ली प्रदेश प्रभारी सीमा पटेल सहित विशिष्ट सहयोगी  डॉ राघवेंद्र पाण्डेय, उत्तराखंड के नवनियुक्त प्रभारी प्रतोष मिश्र, सुनीता पूनिया, राजेश नवोदयी आदि के विशेष सहयोग से कार्यक्रम ने सफलता के शिखर स्पर्श किये। कार्यक्रम का संचालन डॉ राजीव कुमार पाण्डेय ने किया। धन्यवाद ज्ञापन महासचिव डॉ ओंकार त्रिपाठी ने किया।  कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलित कर किया।  सभी अतिथियों को अंगवस्त्र माला,श्रीफल, स्मृति चिह्न देकर  स्वागत व अभिनन्दन किया गया। द्वादश ज्योतिर्लिंग महिमा ग्रन्थ में जिन रचनाकारों की रचनाएं प्रकाशित हुई हैं, उन्हें संस्था की ओर से महाकाल साहित्य सम्मान से अलंकृत करते हुए शॉल, स्मृति चिन्ह, माला, पुस्तक और सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया गया।एक दिवसीय महाकाल साहित्य उत्सव  में ग्रन्थ का लोकार्पण ,सम्मान समारोह और कवि सम्मेलन आयोजित किया गया।  इस अवसर पर अन्य रचनाकारों की किताबें भी लोकार्पित की गईं। इस समारोह को सफल बनाने में संस्था के उपाध्यक्ष राजकुमार छापड़िया , सचिव ब्रज माहिर, कार्यकारी सदस्य रजनीश स्वच्छंद, हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष रचना गोयल, दिल्ली प्रदेश प्रभारी सीमा पटेल सहित विशिष्ट सहयोगी  डॉ राघवेंद्र पाण्डेय, उत्तराखंड के नवनियुक्त प्रभारी प्रतोष मिश्र, सुनीता पूनिया, राजेश नवोदयी आदि के विशेष सहयोग से कार्यक्रम ने सफलता के शिखर स्पर्श किये। कार्यक्रम का संचालन डॉ राजीव कुमार पाण्डेय ने किया। धन्यवाद ज्ञापन महासचिव डॉ ओंकार त्रिपाठी ने किया।

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