कोकराझार , 26 ओक्टुबर। जबसे आरपीफ मे के. आरुल जोति आईजी कम पिसीएससी और ए. कुमार डीआईजी कम सीएससी मालिगाँव एनएफ रेलवे मे पोस्टिंग हुवा है तबसे आरपीफ मे सब ठीक नही चल रहा है। आरपीफ के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रेमानंद बिश्वकर्मा इस्पेक्टर आरपीफ सिबिआई एनजीपी बने छः सात महीने पहले एएससी ऑफिस अगरताला मे अटेंस्मेंट मे ड्यूटी कर रहे थे। इस्पेक्टर बिश्वकर्मा पर बिभागीय इंजीनियर लोहा चोरी का कसे चला रहे थे। इन्क्वायरी अफसर डिईजी अभिशेख कुमार ने बिश्वकर्मा को इस्पेक्टर से सब इस्पेक्टर बना दिया। इस सब करने के लिए आरपीफ मे के. आरोप जोशी आईजी कम पिसीएससी ने निर्देश दिया था। अब बिश्वकर्मा को गिरफ्तार कर नौकरी से निकालने का डर इन दोनों अधिकारी ने दिखाया डर के मारे बिश्वकर्मा ने आत्महत्या कर लिया। गोरतलब है की जबसे एनएफआर रेलवे मे जबसे के. आरोप जोशी आईजी कम पिसीएससी और के. आरुल जोती आईजी कम पिसीएससी और ए. कुमार डीआईजी कम सीएससी मालिगाँव का पोस्टिंग हुवा है एक आरपीफ के अधिकारी ने आरोप लगाया है की आरपीफ के अच्छे जगह पोस्टिंग के लिए भारी रकम देना परता है जो इस्पेक्टर रकम नही देता उन्हें इस अधिकारी का खौफ झेलना परता है। अधिकारियों ने इनके खिलाफ न्याइक जांच सिबिआई से किये जाने की मांग किया है की आगे को और इस्पेक्टर इनके खौफ से सुसाइट ना करें और इसका जुर्म यही ख़त्म हो जाए।
