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इंसाफ की तलाश में दर-दर भटकती सुदर्शन रविदास की 85 वर्षीय वृद्धा मां

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लखीपुर चाय बगान के सेवानिवृत्त आर्मी सुदर्शन रविदास को लापता कर दिया गया, फिर उनके पत्नी के मौत के बाद घर को दखल किया गया। फौजी की 85 बर्षीय वृद्ध माँ इंसाफ के लिए बर्षों से भटक रही है, किंतु शासन या प्रशासन किसी ने वृद्ध माँ की दुखड़े को नहीं सुना ।
लखीपुर चाय बगान के निवासी और सेवानिवृत्त फौजी सुदर्शन रविदास पहली सितंबर 2016 को शाम सात बजे अपने घर के पास से लापता हो गये। घर वाले 2 दिन खोजने के बाद 3 सितंबर 2016 को लखीपुर थाना में केस दर्ज किये। किंतु आज तक इस फौजी के बारे में कुछ पता नहीं चला। यह फौजी सन् 1997 में भारतीय सेना से सेवानिवृत्त हुआ था। सेवानिवृत्त फौजी की पत्नी भारती रविदास ने इस घटना के पीछे जमीनी विवाद बतलायी थी । दरअसल सुदर्शन रविदास 1994 में नरीन बाउरी से 8 हजार रुपये में जमीन खरीदकर घर-द्वार बनवाये थे। किन्तु 21 वर्षों के बाद सन् 2015 में नरीन बाउरी फिर से जमीन माँगने लगा और वह भी मात्र 8 हजार रुपये में। इस फौजी के इनकार करने के बाद उसे बाउरी परिवार के द्वारा परेशान किया जाने लगा । बागान पंचायत भी इसका सामाधान करने का कोशिश किया। किंतु बाउरी परिवार पंचों का बात मानने से साफ इनकार कर दिया और सुदर्शन रविदास के थाना में केस दर्ज करने का लिखित आदेश दिया। इस फौजी के घर में आग लगा दी गई। इसको लेकर इस फौजी ने सन् 2015 में ही लखीपुर सिविल एसडीओ के यहाँ केस दर्ज किया। यह विवाद शिलचर जिला आदालत में चलने लगा । 28 अगस्त 2016 को फौजी सुदर्शन रविदास को, शिलचर कोर्ट में वकील के सामने, नरीन बाउरी और सुखुआ खटिक ने जान से मारने की धमकी दी । उसके तीन दिन बाद 1 सितंबर 2016 को सुदर्शन रविदास को लापाता कर दिया गया । जिस केस में सुखुआ खटिक 15 दिन जेल में भी था ।
इस फौजी के लापता होने के बाद उनकी पत्नी भारती रविदास पर दुःखों का पहाड़ टुट पड़ा। क्योंकि सुदर्शन रविदास का लाश न मिलने के कारण पेंशन मिलना बंद हो गया , साथ ही केस का खर्च भी उठाना पड़ रहा था । इस दंपत्ति का कोई संतान भी नहीं है। सुदर्शन रविदास के छोटे भाई लाला रविदास (होमगार्ड) ने सुदर्शन रविदास की पत्नी और वृद्ध माँ का साथ दिया । फौजी की पत्नी भारती रविदास  21फरवरी 2019 तक केस लड़ती रही और 22 फरवरी 2019 को स्वर्गलोक सिधार गई । किंतु न दोषियों को सजा दिलवा पायी, न उसे पेंशन ही मिला। इसके बाद केस का कमान फौजी की 85 वर्षीय वृद्ध माँ चमेली रविदास ने संभाला।
इसके बाद 28 अक्टूबर 2019 को बाउरी परिवार ने जोर-जबरदस्ती वृद्ध माँ के घर में घुसकर दखल कर लिया । जो आज भी बाउरी परिवार के दखल में है। जिसमें नरीन बाउरी की पुत्री राधा रानी बाउरी और सीता बाउरी रह रही है । अब फौजी की वृद्ध माँ इंसाफ के लिए दर- दर की ठोकरें खा रही हैं । किंतु कोई भी इस माँ का दुःख सुन नहीं रहा है । कछाड़ जिले के वर्तमान डीडीसी (एडीसी ) जेआर लालसीम जब लखीपुर में एडीओ थीं तब वे नरीन बाउरी को उसके घर जाकर उसे डाट भी लगायीं थी, तब भी सामाधान नहीं हुआ।
फौजी की माँ एवं परिवार का कहना है कि – फौजी सुदर्शन रविदास की हत्या करके गायब कर दिया गया, उसके घर और सभी समान को जोर- जबरदस्ती दखल कर लिया गया , किंतु किसी ने इस पीड़ित परिवार की पीड़ा नहीं सुनी। माँ भी अपने जीवन के अंतिम पड़ाव पर है, पेंशन भी नहीं मिला । केवल कोर्ट में तारीख पर तारीख पड़ रहा है ।
सेवानिवृत्त फौजी की 85 वर्षीय माँ को डीडीसी जेआर लालसीम एवं लखीपुर के नवनिर्वाचित विधायक कौशिक राय से काफी उम्मीद है। उस लगता है कि ये दोनों लोगों उसे निश्चित ही इंसाफ दिलवाएंगें ।

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