शिलचर, 22 अगस्त: इचाबिल चाय बागान के निवासी बाबुल नारायण कानू और उर्मिला कानू के सुपुत्र वरुण कानू ने अपने नाम एक बड़ी उपलब्धि दर्ज की है। उन्हें हाल ही में भारत सरकार द्वारा “A System and Method for Decentralized Aerobic Composting of Household Organic Wastes” नामक अभिनव शोध के लिए पेटेंट प्रमाणपत्र प्रदान किया गया है।
यह आविष्कार घरेलू जैविक कचरे के विकेंद्रीकृत और पर्यावरण अनुकूल निस्तारण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल मानी जा रही है। बरुण के इस शोध कार्य में उनके मार्गदर्शक रहे प्रो. अनुराग गर्ग। वरुण ने बॉम्बे आईआईटी से एनवायरनमेंटल इंजीनियरिंग में पीएचडी की डिग्री प्राप्त की है।
वर्तमान में वरुण कानू दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी (DTU) में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं। उनकी इस उपलब्धि से क्षेत्रवासियों में खुशी की लहर है और इसे पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में एक प्रेरक कदम माना जा रहा है।





















