पापुआ न्यू गिनी. इंडोनेशिया के नजदीक प्रशांत महासागर क्षेत्र में मौजूद पापुआ न्यू गिनी देश इस वक्त बहुत ही भारी संकट से गुजर रहा है. यहां बीते शनिवार (25 फरवरी) को राजधानी पोर्ट मोरेस्बी से 600 किमी दूर उत्तर-पश्चिम में एंगा प्रांत में स्थित एक पहाड़ में भूस्खलन हुआ.
इंडोनेशिया के नजदीक प्रशांत महासागर क्षेत्र में मौजूद पापुआ न्यू गिनी देश इस वक्त बहुत ही भारी संकट से गुजर रहा है. यहां बीते शनिवार (25 फरवरी) को राजधानी पोर्ट मोरेस्बी से 600 किमी दूर उत्तर-पश्चिम में एंगा प्रांत में स्थित एक पहाड़ में भूस्खलन हुआ था. इस हादसे में पहले मरने वालों की संख्या के बारे में जानकारी नहीं थी. हालांकि, सोमवार (27 मई) को देश की सरकार ने मरने वालों का आंकड़ा पेश किया, जो बेहद डरावना है. सरकार ने बताया कि इस हादसे में 2,000 से अधिक लोग जिंदा दफन हो गए हैं. पापुआ न्यू गिनी मौजूदा स्थिति को संभालने में काफी बेबस नजर आ रही है. इसके लिए उन्होंने औपचारिक रूप से अंतरराष्ट्रीय मदद मांगी है.
60 लाख जनसंख्या वाले पापुआ न्यू गिनी में एक अंतरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन ने मरने वालों की संख्या 670 बताई थी. हालांकि, सरकार का आंकड़ा संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी के आंकड़ों से करीब तीन गुना ज्यादा है. इसको देखते हुए सरकार ने संयुक्त राष्ट्र्र को एक पत्र भी लिखा, जिसमें राष्ट्रीय आपदा केंद्र के कार्यवाहक निदेशक ने कहा, भूस्खलन में 2000 से अधिक लोग जिंदा दफन हो गए और बड़ा विनाश हुआ.
विदेश मंत्री जयशंकर ने हादसे पर जताया दुख
एंगा प्रांत में के मुलिताका क्षेत्र में भूस्खलन से छह से अधिक गांव गंभीर रूप से प्रभावित हुए हैं. संयुक्त राष्ट्र प्रवासन एजेंसी ने कहा कि 100 से अधिक घर, एक प्राथमिक विद्यालय, छोटे व्यवसाय और स्टॉल, एक गेस्ट हाउस और एक पेट्रोल स्टेशन जमींदोज हो गए. इस हादसे के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी दुख जताया था. उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि हमारी संवेदनाएं सरकार व लोगों के साथ हैं. भारत इस कठिन समय में अपने दोस्तों के साथ एकजुटता से खड़ा है.