हाइपरटेंशन या उच्च रक्तचाप, जिसे कभी कभी धमनी उच्च रक्तचाप भी कहते हैं, एक पुरानी चिकित्सीय स्थिति है। उच्च रक्तचाप हमारे शरीर के धमनियों में रक्त के बहाव के गति को कहते हैं। रक्तचाप में दो माप शामिल होती हैं, सिस्टोलिक और डायस्टोलिक, जो इस बात पर निर्भर करती है कि हृदय की मांसपेशियों में संकुचन (सिस्टोल) हो रहा है या धड़कनों के बीच में तनाव मुक्तता (डायस्टोल) हो रही है। आराम के समय पर सामान्य रक्तचाप 100-120 mmHg सिस्टोलिक (उच्चतम-रीडिंग) और 80-90 mmHg डायस्टोलिक (निचली-रीडिंग) की सीमा के भीतर होता है। उच्च रक्तचाप तब उपस्थित होता है यदि यह 130/90 mmHg पर या इसके ऊपर लगातार बना रहता है।
लगभग सभी समकालीन समाजों में, उम्र बढ़ने के साथ रक्तचाप बढ़ता है तथा बाद के जीवन में उच्च रक्तचाप से ग्रस्त होने का खतरा काफी बढ़ जाता है। उच्च रक्तचाप के विभिन्न कारण है जो कि कुछ इस प्रकार है –
•उम्र: उम्र बढ़ने के साथ-साथ हमारे रक्त धमनियों में लचीला ऊतक की घटौती होती है, जिससे उच्च रक्तचाप होने की संभावना रहती है।
• आनुवंशिक: अगर हमारे परिवार में किसी को भी उच्च रक्तचाप हो, तो यह निश्चित है कि हमें भी आगे होगा।
• मोटापा: मोटापा के कारण हमारे शरीर का मात्रा (volume) बढ़ जाता है, जिससे रक्त का संचार होने में ज़्यादा ज़ोर लगता है और उच्च रक्तचाप की समस्या होती है।
• शारीरिक निष्क्रियता: जितना हम शारीरिक निष्क्रिय रहेंगे, उतना ही ह्रदय की दर बढ़ती जाएगी और उच्च रक्तचाप की समस्या होगी।
• तम्बाकू का सेवन: तम्बाकू के सेवन से हमारे धमनियों की परत घिसट जाती है और रक्त का बहाव बहुत प्रभावी होता है, जिससे उच्च रक्तचाप होता है।
• अधिक नमक का सेवन: अधिक नमक रक्त में तरल पदार्थ को बरकरार रखता हैं, जिससे उच्च रक्तचाप होता है।
•पोटैशियम का कम सेवन: पोटैशियम हमारे शरीर में सोडियम के मात्रा को संतुलित रखता है और इसके कम सेवन से सोडियम की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे उच्च रक्तचाप होता है।
•तनाव: तनाव की स्थिति में हमारा शरीर हार्मोन या ग्रन्थिरस उत्पन्न करता है जिससे हमारी धमनी खराब हो जाती है और उच्च रक्तचाप होता है।
चलिए अभी जानते है कि जीवनशैली में कुछ बदलाव लाकर हम उच्च रक्तचाप को कैसे नियंत्रित कर सकते हैं –
•तनाव मुक्त रहे: तनाव से उच्च रक्तचाप की समस्या बढ़ जाती है, जो आगे चलकर स्ट्रोक जैसी समस्या को उत्पन्न करती है।
•नमक का सेवन कम करना: जब हम अतिरिक्त नमक का सेवन करते है, जिसमें सोडियम की मात्रा होती है; तब हमारा शरीर उस नमक को बाहर निकालने के लिए अतिरिक्त पानी का इस्तेमाल करता है। यहीं अतिरिक्त पानी हमारे दिल और धमनी में तनाव सृष्टि करता है, जिससे उच्च रक्तचाप होता है।
•फल, सब्जी़ का सेवन अधिक करे: फल, सब्जियों में पोटेशियम, मैग्नीशियम और फाइबर की मात्रा अधिक होती है और सोडियम की मात्रा कम होती है; जिससे उच्च रक्तचाप नियंत्रण में रहता है।
•वज़न कम करें: अधिक वज़न होने पर हमारे दिल को पूरे शरीर में रक्त पहुंचाने के लिए ज़्यादा ताक़त लगानी पड़ती है, जिससे उच्च रक्तचाप होता है।
•रोज़ योग करें: योग में व्यायाम और प्राणायाम दोनों आते हे, व्यायाम से हमारा वज़न नियंत्रित रहता है और प्राणायाम से तनाव नियंत्रित रहता है। इन दोनों के नियंत्रण में रहने से उच्च रक्तचाप नियंत्रित रहता है।
•कैफीन का सेवन न करना: कैफीन से हमारे शरीर के धमनियाँ संकीर्ण हो जाते हैं, जिससे रक्त का संचार बहुत मुश्किल से होता है और उच्च रक्तचाप की समस्या हो जाती है।
•रोज़ जाँच करें: उच्च रक्तचाप के रोगियों को अपना रक्तचाप रोज़ जाँच करना चाहिए और रेकॉर्ड रखना चाहिए ताकि वह यह रेकाॅर्ड डाक्टर को दिखा सके और रेकाॅर्ड के अनुसार डाक्टर दवा दे सके।
•दवा बंध न करना: बिना डाक्टर के सलाह के उच्च रक्तचाप के रोगियों को अपनी दवा बंध नहीं करनी चाहिए, अचानक दवा बंध होने से रक्तचाप ऊपर-नीचे हो सकता है, जिससे स्ट्रोक होने की संभावना रहती हैं।
चलिए अभी जानते है कि योग में आप कौन-कौन से प्राणायाम करें जिससे उच्च रक्तचाप नियंत्रित रहें:
•भस्त्रिका प्राणायाम: अंततः पाँच मिनिट
•कपालभाँति प्राणायाम: बहुत धीमी गति से करना है अंततः दस मिनिट
•अनुलोम-विलोम प्राणायाम: अंततः दस मिनिट
•भ्रामरी प्राणायाम: अंततः पाँच बार
•उद्गीथ प्राणायाम: अंततः पाँच बार
•ध्यान(मेडिटेशन): अंततः दस मिनिट
यह थे उच्च रक्तचाप को ठीक करने के कुछ उपाय, आशा है इससे आप बहुत लाभदायी होंगे। धन्यवाद।
-सप्तशिखा धर
(योग टीचर एवं इवेलुएटर, आयुष मंत्रालय, भारत सरकार)
हमारा ऐप डाउनलोड करें
- Admin
- February 25, 2021
- 6:03 am
- No Comments
उच्च रक्तचाप कैसे ठीक करें?
Share this post: