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साहित्य, मानविकी, समाज विज्ञान, और प्रदर्शनधर्मी कलाओं पर केंद्रित ‘प्राग्ज्योतिका’ पत्रिका का वर्तमान अंक महापुरुष श्रीमंत शंकरदेव पर केंद्रित है। प्राग्ज्योतिका एक त्रैमासिक पत्रिका है जो प्रो. चन्दन कुमार के सम्पादकत्व में निकलती है। प्रो. चन्दन दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में प्राध्यापक हैं और कई वर्षों से पूर्वोत्तर भारत के साहित्य, समाज और संस्कृति से संबंधित विषयों पर शोध करवा रहे हैं।
‘प्राग्ज्योतिका’ पत्रिका के माध्यम से पूर्वोत्तर भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को पाठकों के समक्ष लाने का प्रयास किया जा रहा है। पूर्वोत्तर भारत के आठों राज्य अपने लोकसाहित्य और कलागत वैविध्य के लिए सहज आकर्षण का विषय हैं। इस भावगत एवं कलागत वैविध्य को समस्त भारत एवं विश्व से परिचय कराने के लिए इसका प्रकाशन आरम्भ किया गया है।