नई दिल्ली. उत्तरकाशी में धंसी टनल में फंसे 40 मजदूरों का बाहर निकालने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है. 5 दिन यानी 120 घंटे का वक्त बीत गया है, अब तक मजदूरों को बाहर नहीं निकाला जा सका है. राहत और बचाव कार्यों में शामिल अधिकारियों ने कहा कि मलबे के माध्यम से पाइपों को धकेलने में छेद करने की तुलना में अधिक समय लगता है, खासकर अगर यह सुनिश्चित करना हो कि वेल्डिंग के बाद पाइपों में कोई दरार न हो.
टनल में फंसे श्रमिकों को निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी है. लेकिन शुक्रवार को एक बार गले में जान तब अटक गई, जब ड्रिलिंग मशीन पर मलबा गिरने के कारण अचानक रेस्क्यू ऑपरेशन को रोक दिया गया. काम बाधित होने के कारण ऑपरेशन लगभग एक घंटे तक रुका रहा. जानकारी के अनुसार ड्रिलिंग के काम में लगी मशीन में कुछ टेक्नीकल प्रॉब्लम की वजह से यह खराबी आई है. जिसके बाद इंदौर से नई मशीन मंगाने की कवायत शुरू की गई. माना जा रहा कि शनिवार तक मशीन मौके पर पहुंच जाएगी.
उत्तरकाशी सिलक्यारा टनल हादसे का शुक्रवार को छठा दिन रहा. टनल में फंसे 40 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकलने के लिए युद्ध स्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है. लेकिन, रेस्क्यू ऑपरेशन पर ब्रेक लग गया है. दूसरी ऑगर मशीन से भी रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा नहीं हो पाया है. इसके साथ ही टनल में पाइप लाइन बिछाने का काम भी रूक गया है. जिसके कारण मशीन पाइप पुश नहीं कर पा रही है. टनल के अंदर अब तक 22 मीटर ही खुदाई की गई है. सुरंग में पांच पाइप ड्रिल करने के बाद डाले जा चुके हैं. अब, इंदौर से तीसरी मशीन मंगाई जा रही है. इस बीच अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी भी आपदा कंट्रोल रूम पहुंची और उन्होंने रेस्क्यू ऑपरेशन का अपडेट लिया.
देहरादून आपदा कंट्रोल रूम में रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने अधिकारियों के साथ बैठक की. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने निर्देश दिया है कि लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन पर नजर रखी जाए. टनल में फंसे हुए सभी श्रमिक पूरी तरह से स्वस्थ हैं. उम्मीद है कि जल्द ही सभी श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाएगा. उन्हें बेहतर मेडिकल ट्रीटमेंट देने की भी पूरी व्यवस्था है. सभी विभागों को अलर्ट मोड पर रखा गया है. टनल में फंसे हुए मजदूरों को निकालने के लिए केंद्रीय एजेंसियों के साथ ही प्रदेश की भी तमाम एजेंसियां मोर्चा संभाले हुए हैं. टनल में फंसे श्रमिकों के लिए भोजन, ऑक्सीजन और बिजली उपलब्ध कराई गई है. उनका मनोबल बढ़ाने के लिए उनकी परिजनों से लगातार बात भी कराई जा रही है.